04 जून 2025, नई दिल्ली: मानसून की धीमी चाल ने इस साल मौसम विज्ञानियों को चौंका दिया है। जहां एक ओर असम और मेघालय जैसे राज्यों में बादल फटने जैसी भारी बारिश की चेतावनी जारी है, वहीं देश के बड़े हिस्से में मानसूनी बारिश का इंतजार थम सा गया है। मौसम विभाग के अनुसार, अगले एक सप्ताह तक दक्षिण और मध्य भारत में मानसून की गतिविधियां कमजोर रहेंगी, जबकि पूर्वोत्तर में जारी भीषण वर्षा से बाढ़ की स्थिति बन सकती है।
मौसम का पूर्वानुमान– 4 जून 2025
- भारी वर्षा: असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, केरल और पूर्वोत्तर के राज्यों में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना।
- तेज हवाएं और आंधी: बिहार, हिमाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में 50-60 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से आंधी चलने का अनुमान।
- बिजली गिरने की आशंका: छत्तीसगढ़, पूर्वी मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तराखंड में गरज के साथ बारिश और बिजली कड़कने की चेतावनी।
- तटीय इलाकों के लिए अलर्ट : सोमालिया तट और उससे सटे दक्षिण-पश्चिम अरब सागर, पश्चिम-मध्य अरब सागर, पश्चिम-मध्य अरब सागर के कुछ पश्चिमी हिस्सों में 45 किमी से 65 किमी प्रतिघंटे तक की तूफानी हवाएं चल सकती हैं, जिसके चलते मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है।
- केरल, कर्नाटक के तटों और उससे सटे लक्षद्वीप क्षेत्र, उत्तरी तमिलनाडु तट से दूर, मध्य बंगाल की खाड़ी के उत्तरी भागों और उत्तरी बंगाल की खाड़ी के आसपास के हिस्सों में और उसके आसपास हवा की गति 35 किमी प्रति घंटे से 45 किमी प्रति घंटे से 55 किमी प्रति घंटे तक पहुंच सकती है।

मध्य प्रदेश में ऑरेंज अलर्ट 4 जून 2025
मध्य प्रदेश के कई जिलों में मौसम विभाग ने ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी किया है।
- ऑरेंज अलर्ट वाले ज़िले: मुरैना, ग्वालियर, शिवपुरी, श्योपुर, दतिया, भिंडमुरैना, ग्वालियर, शिवपुरी, श्योपुर, दतिया, भिंड, अशोकनगर, राजगढ़, आगरमालवा, अलीराजपुर, बड़वानी, खरगोन, खंडवा, बुरहानपुर, हरदा, नर्मदापुरम और बैतूल ज़िलों में अतिभारी बारिश की संभावना है।
- येलो अलर्ट वाले ज़िले: नीमच, मंदसौर, रतलाम, झाबुआ, धार इंदौर, उज्जैन, शाजापुर, देवास, सीहोर, भोपाल, विदिशा, गुना, सागर, रायसेन, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्ना, सिवनी, बालाघाट, मंडला, डिंडौरी, अनूपपुर, शहडोल, उमरिया, सीधी, सिंगरौली, मऊगंज, रीवा, मैहर, सतना, कटनी, जबलपुर, दमोह, पन्ना, छरपुर, टीकमगढ़ और निवाड़ी जिोलों में वज्रपात/झंझावात/झोंकेदार हवाएं (40-50 किमी प्रति घंटा) की रफ्तार से चलने के साथ ही कहीं कहीं हल्की बारिश की चेतावनी दी गई है।

मानसून की धीमी चाल: क्या है वजह?
इस बार मानसून ने वक्त से पहले दस्तक दी थी। 24 मई को वह केरल पहुंचा – यह 2009 के बाद सबसे जल्दी शुरुआत थी। लेकिन 40% भारत को कवर करने के बाद इसकी गति अचानक थम गई। 26 मई से मुंबई पर और 29 मई से पश्चिम बंगाल के बालूरघाट के पास मानसून अटका हुआ है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में नई मौसमी प्रणाली के बनने तक मानसून की प्रगति धीमी रहेगी।
यह ठहराव मौसम वैज्ञानिकों को भी हैरान कर रहा है, क्योंकि मानसून की शुरुआत में ही ऐसी सुस्ती सामान्य नहीं मानी जाती।
बंगाल की खाड़ी में नई हलचल की उम्मीद
मौसम विभाग के अनुसार, 10 जून के आसपास बंगाल की खाड़ी में एक चक्रवातीय परिसंचरण विकसित हो सकता है, जो मानसून को फिर से गति देगा। 12-14 जून के बीच इसकी सक्रियता ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और महाराष्ट्र तक फैल सकती है। इसके बाद यह पश्चिमी तट पर यानी केरल, कर्नाटक, गोवा और कोंकण की ओर बढ़ेगा।
आगे क्या?
अगले कुछ दिनों तक दक्षिण और मध्य भारत में मानसूनी बारिश कमजोर रहेगी, जबकि पूर्वोत्तर और हिमालयी क्षेत्रों में प्री-मानसूनी गतिविधियां जारी रहेंगी। मौसम विभाग ने लोगों से सलाह दी है कि वे भारी बारिश और तूफानी हवाओं के दौरान सावधानी बरतें और अधिकारियों द्वारा जारी चेतावनियों पर ध्यान दें।
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