हनुमानगढ़ -राजस्थान की जीवनरेखा कही जाने वाली इंदिरा गांधी नहर एक बार फिर किसानों की उम्मीदों का केंद्र बन गई है। जून महीने में इस नहर से कितना पानी मिलेगा, इसका निर्णय भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (BBMB) की आगामी बैठक में लिया जाएगा। यह बैठक 2 जून को संभावित मानी जा रही है, और प्रदेश भर के किसान इसकी ओर बड़ी उम्मीदों से देख रहे हैं।
BBMB बैठक पर टिकीं निगाहें
फिलहाल राज्य को 31 मई तक पानी का हिस्सा तय किया गया है। लेकिन जून में नहर में पानी जारी रहेगा या नहीं – इसका फैसला BBMB की मंजूरी पर निर्भर करता है। Indira Gandhi Canal को 28 मई से लेकर 23 जून तक “तीन में एक समूह” के रेग्युलेशन के तहत चलाने की योजना बनी है, लेकिन यह तभी प्रभावी होगी जब बोर्ड राजस्थान की जरूरतों के अनुसार पानी देने को सहमत होगा।
यह फैसला अकेले एक नहर का नहीं है, बल्कि उन बारह जिलों की सिंचाई और जीवन से जुड़ा है, जिनमें हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, बीकानेर, नागौर, चूरू, जैसलमेर और जोधपुर जैसे इलाके शामिल हैं। हर बूंद कीमती है – और यह नहर इन जिलों के लाखों किसानों की खेतों की प्यास बुझाती है।
पानी की उपलब्धता में मामूली सुधार
अच्छी बात यह है कि बीते कुछ दिनों में बांधों में पानी की आवक में सुधार देखा गया है। भाखड़ा बांध का जलस्तर 28 मई को 1562.25 फीट तक पहुंच गया, जिसमें 23798 क्यूसेक पानी की आवक और 22945 क्यूसेक की निकासी दर्ज की गई। वहीं, पौंग बांध का लेवल 1294.09 फीट पर पहुंचा और वहां भी आवक निकासी से थोड़ी बेहतर रही।
हालांकि ये आंकड़े राहत जरूर देते हैं, लेकिन स्थायी समाधान नहीं हैं। किसानों के लिए सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या यह सुधार उनकी फसलों तक समय से पानी पहुंचाने के लिए पर्याप्त होगा?
सामान्य से अधिक बारिश की संभावना
मौसम विभाग ने इस साल सामान्य से अधिक बारिश की संभावना जताई है। यदि ऐसा होता है, तो प्रदेश के बांधों में जल स्तर में बड़ा इजाफा देखने को मिल सकता है। इसका सीधा असर किसानों को मिलने वाले सिंचाई जल पर पड़ेगा – जो इस समय की सबसे बड़ी ज़रूरत है।