जयपुर। हर साल की तरह इस बार भी नौतपा की आहट ने राजस्थान को तपिश का अहसास करवा दिया है, लेकिन इस बार मौसम कुछ नया संकेत दे रहा है। 25 मई से शुरू हो रहे नौतपा में जहां आमतौर पर झुलसाती धूप और लू के थपेड़े आम बात होते हैं, वहीं इस बार राहत की बूँदें बरसने की उम्मीद है।
राजस्थान में मौसम विभाग की ताज़ा चेतावनी ने लोगों को थोड़ी राहत की उम्मीद दी है। विभाग के अनुसार इस बार नौतपा के शुरुआती तीन दिनों में कई जिलों में तेज़ आंधी और बारिश का पूर्वानुमान है। यानी सूर्य की तपिश के बीच बादलों की दस्तक भी होगी, जो प्रदेशवासियों को लू से कुछ राहत दे सकती है।
25 मई को मौसम की पहली करवट
जयपुर, अजमेर, कोटा से लेकर उदयपुर और बांसवाड़ा तक – कुल 22 जिलों में आंधी-बारिश के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। वहीं, सीकर जिले के लिए मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट घोषित किया है, जिससे यहां अधिक तीव्र मौसम परिवर्तन की आशंका जताई गई है।
इसी दिन पश्चिमी राजस्थान के बाड़मेर, बीकानेर, चूरू, जैसलमेर, और श्रीगंगानगर जैसे जिलों में हीटवेव की चेतावनी भी दी गई है। कुछ जिलों में ऑरेंज और येलो अलर्ट के जरिए लोगों को सतर्क रहने को कहा गया है।

26 और 27 मई को भी रहेगा मौसम में उतार-चढ़ाव
26 मई को भी कमोबेश वही स्थिति बनी रहेगी। 23 जिलों में येलो अलर्ट जारी किया गया है। जबकि बाड़मेर, बीकानेर, जोधपुर और जैसलमेर जैसे जिलों में गर्म हवाओं का कहर जारी रहने की संभावना है।

27 मई को मौसम का मिजाज और भी दिलचस्प हो सकता है। इस दिन न केवल पहले से अलर्ट में शामिल जिलों में, बल्कि चूरू, नागौर, हनुमानगढ़, पाली और श्रीगंगानगर जैसे और जिले भी येलो अलर्ट की जद में आ गए हैं।

क्या होता है नौतपा?
नौतपा का यह 9 दिन का विशेष काल तब शुरू होता है जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करता है। इस दौरान सूर्य पृथ्वी के सबसे नजदीक होते हैं, जिससे गर्मी अपने चरम पर होती है। लेकिन इस बार मौसम की चाल कुछ अलग ही तेवर में है।
कब से शुरू होगा नौतपा? जानिए पंचांग के अनुसार समय
पंचांग की मानें तो नौतपा की शुरुआत इस साल 25 मई 2025 को होगी, जब सूर्य देव रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। यह गोचर सुबह 3 बजकर 27 मिनट पर होगा। ज्योतिष मान्यता के अनुसार, सूर्य का रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश नौतपा की शुरुआत का संकेत होता है। यह समय गर्मी के चरम का प्रतीक माना जाता है। सूर्य 8 जून 2025 तक इसी नक्षत्र में रहेंगे, लेकिन नौतपा की विशेष अवधि 25 मई से लेकर 2 जून तक मानी जाती है। यही वो समय है जब सूरज अपनी पूरी प्रखरता के साथ पृथ्वी को तपाने लगता है।
नौतपा में करें ये शुभ कार्य
नौतपा केवल मौसम की तपिश नहीं है, यह एक आध्यात्मिक ऊर्जा का भी समय है। जब सूर्य अपनी चरम स्थिति में होते हैं, तो यह अवधि भगवान सूर्य की उपासना के लिए भी अत्यंत फलदायी मानी जाती है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, नौतपा के नौ दिनों में भगवान सूर्य को जल अर्पित करना, सूर्य मंत्रों का जाप करना और आत्मचिंतन करना विशेष रूप से लाभकारी होता है।
इस साधना से व्यक्ति के आत्मविश्वास में वृद्धि होती है, निर्णय लेने की क्षमता मजबूत होती है और जीवन में नेतृत्व के गुण विकसित होते हैं। खासकर विद्यार्थियों, प्रशासनिक सेवाओं की तैयारी कर रहे युवाओं और सार्वजनिक जीवन से जुड़े लोगों के लिए यह समय अत्यंत प्रभावशाली माना गया है।
भगवान सूर्य के 12 शुभ मंत्र
अगर आप नौतपा में आध्यात्मिक साधना करना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए सूर्य मंत्रों का जप रोज़ाना सूर्योदय के समय करें:
- ॐ आदित्याय नमः।
- ॐ सूर्याय नमः।
- ॐ रवेय नमः।
- ॐ पूषणे नमः।
- ॐ दिनेशाय नमः।
- ॐ सावित्रे नमः।
- ॐ प्रभाकराय नमः।
- ॐ मित्राय नमः।
- ॐ उषाकराय नमः।
- ॐ भानवे नमः।
- ॐ दिनमणाय नमः।
- ॐ मार्तंडाय नमः।
इन मंत्रों में सूर्य देव के विभिन्न नामों का स्मरण किया गया है, जो जीवन में नई ऊर्जा, आरोग्यता और सकारात्मकता का संचार करते हैं।