Rajasthan weather update: राजस्थान की तपती ज़मीन पर आखिरकार राहत की बौछार की पहली दस्तक सुनाई देने लगी है। जून की चिलचिलाती गर्मी से जूझ रहे प्रदेशवासियों को अब बादलों की गड़गड़ाहट और बूँदों की फुहारें राहत मिलने वाली हैं। आज 14 जून यानी शनिवार को मौसम विभाग ने एक ही दिन में पांचवीं बार अलर्ट जारी कर मानसून के आने के संकेत दे दिए है।
बारिश की चेतावनी: 19 ज़िलों में अगले तीन घंटे में संभावित बारिश
मौसम विभाग जयपुर अभी कुछ देर पहले आगामी तीन घंटों के भीतर राजस्थान के 19 जिलों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना व्यक्त की है। इन ज़िलों में जैसलमेर, बाड़मेर, चूरू, जोधपुर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, सीकर, बीकानेर, नागौर, भीलवाड़ा, उदयपुर, कोटा, बूंदी, चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़, बारां, सिरोही, जालोर और राजसमंद शामिल हैं।
विभाग के अनुसार, इन इलाकों में न केवल बारिश की संभावना है, बल्कि तेज़ सतही हवाएं (40-50 किमी/घंटा), मेघगर्जन और बिजली गिरने जैसी घटनाएं भी हो सकती हैं। ऐसे में लोगों से खुले स्थानों, पेड़ों के नीचे या जल स्रोतों के पास खड़े न होने की सख्त सलाह दी गई है। साथ ही, घर में रहते हुए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के प्लग निकालने और सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने की भी अपील की गई है।
मानसून की आहट: 20 जून के आसपास राज्य में दस्तक की उम्मीद
राजस्थान में कई हिस्सों में पिछले 2-3 दिनों से जो मौसम में जो हलचल देखने को मिल रही है, वह अब साफ़ तौर पर प्री-मानसून गतिविधियों का संकेत बन गई हैं। मौसम विभाग ने बताया है कि 20 जून के आसपास मानसून राजस्थान में प्रवेश कर सकता है, जिससे गर्मी से राहत मिलने की पूरी संभावना बन गई है।
मौसमी बदलाव के पीछे का विज्ञान
मौसम विभाग के अनुसार, इस बदलाव के पीछे दो मुख्य कारण सक्रिय हैं:
- उत्तर-पश्चिम राजस्थान और आसपास के क्षेत्र में एक सर्कुलेशन सिस्टम विकसित हुआ है।
- पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव के कारण प्रदेश के मौसम में व्यापक बदलाव देखने को मिल रहा है।
इस वजह से जयपुर, अजमेर, कोटा, उदयपुर, जोधपुर, बीकानेर और भरतपुर जैसे कई जिलों में बादल छाए रहने, आंधी चलने (50-60 किमी/घंटा), बिजली कड़कने और हल्की बारिश की गतिविधियां शुरू हो चुकी हैं।
मानसून के इन्तज़ार में किसान
ग्रामीण क्षेत्रों में किसान खेतों को जोतने की तैयारी में लगे हैं, वहां इस बारिश ने नई उम्मीदें जगा दी हैं। फसलों की बुवाई से पहले यदि मानसून समय पर आता है, तो इससे प्रदेश के कृषि पर निर्भर लाखों परिवारों को सीधी राहत मिल सकती है।
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