नई दिल्ली: देश में ग्रामीण बैंकिंग को सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया जा रहा है। 1 मई 2025 से ‘एक राज्य-एक आरआरबी’ (One State-One RRB) स्कीम लागू होने जा रही है। इस योजना के तहत केंद्र सरकार देश के 11 राज्यों में मौजूद 15 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (RRBs) को एकीकृत कर, प्रत्येक राज्य के लिए एकल आरआरबी इकाई बनाएगी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 6 मई को इस स्कीम के कार्यान्वयन और अब तक हुई प्रगति की समीक्षा भी करेंगी।
क्या है ‘एक राज्य-एक आरआरबी’ योजना?
यह योजना ग्रामीण बैंकिंग नेटवर्क को अधिक संगठित, कुशल और लागत प्रभावी बनाने की दिशा में केंद्र सरकार की रणनीति का हिस्सा है।
इस स्कीम के चौथे चरण में देशभर के 43 RRBs में से 15 को मिलाकर उनकी संख्या घटाकर 28 की जा रही है। इससे बैंकों के संचालन में पारदर्शिता बढ़ेगी, प्रबंधन आसान होगा और संसाधनों का बेहतर उपयोग किया जा सकेगा।
किन राज्यों में होगा एकीकरण?
इस योजना के अंतर्गत 11 राज्यों – आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, गुजरात, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा और राजस्थान में एक-एक क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (RRB) बनाया जाएगा।
इन बैंकों का होगा विलय
- आंध्र प्रदेश में चैतन्य गोदावरी ग्रामीण बैंक, आंध्र प्रगति ग्रामीण बैंक और अन्य RRBs को मिलाकर ‘आंध्र प्रदेश ग्रामीण बैंक’ बनाया जाएगा।
- उत्तर प्रदेश में बड़ौदा यूपी बैंक, आर्यावर्त बैंक, प्रथमा यूपी ग्रामीण बैंक को विलय कर ‘उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक’ बनाया जाएगा, जिसका हेडक्वार्टर लखनऊ में होगा।
- पश्चिम बंगाल में बंगीय ग्रामीण विकास बैंक, पश्चिम बंग ग्रामीण बैंक और उत्तर बंग RRBs का विलय कर ‘पश्चिम बंगाल ग्रामीण बैंक’ बनाया जाएगा, जिसका मुख्यालय कोलकाता होगा।
- बिहार, गुजरात, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा और राजस्थान में दो-दो RRBs को एक में विलय कर दिया जाएगा।
इससे क्या बदल जाएगा?
- ग्रामीण ग्राहकों को बेहतर बैंकिंग सेवाएं मिलेंगी
- बैंकों की कार्यक्षमता और पहुंच बढ़ेगी
- प्रशासनिक लागत घटेगी, जिससे संसाधनों का सही इस्तेमाल होगा
- डिजिटल बैंकिंग को अपनाने में तेजी आएगी
किस पर पड़ेगा असर?
इस बदलाव से सबसे ज्यादा असर ग्रामीण क्षेत्रों के बैंक ग्राहकों, किसानों, छोटे व्यापारियों और स्वरोज़गार से जुड़े लोगों पर पड़ेगा। हालांकि बैंक शाखाएं और सेवाएं जारी रहेंगी, लेकिन अब उन्हें एकीकृत बैंकिंग सिस्टम के अंतर्गत सेवाएं मिलेंगी, जिससे लेन-देन और लोन प्रक्रिया अधिक सरल और पारदर्शी होगी।
निष्कर्ष
‘एक राज्य-एक आरआरबी’ योजना देश की ग्रामीण बैंकिंग प्रणाली में ऐतिहासिक सुधार की दिशा में एक ठोस कदम है। इससे न केवल बैंकिंग सेवाओं की पहुंच बेहतर होगी, बल्कि ग्राहकों को एक समर्पित और सशक्त बैंकिंग अनुभव भी मिलेगा। आने वाले समय में इसका फायदा देश के करोड़ों ग्रामीण निवासियों को देखने को मिलेगा।