हनुमानगढ़, 31 मई 2025: जिले के हजारों किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है, जहां नए वित्तीय वर्ष में सोलर पंप सेट अनुदान (subsidy on solar pump) के तहत 2500 सोलर पंप लगाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किया गया है। यह प्रयास केंद्र सरकार की प्रमुख योजना पीएम कुसुम (PM Kusum) के घटक-बी (कंपोनेंट-बी) के अंतर्गत किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य किसानों को डीजल पर निर्भरता कम करने और स्वच्छ ऊर्जा की ओर ले जाना है।
लेकिन, यह सौर सुविधा सभी के लिए नहीं है। विभाग ने स्पष्ट किया है कि जिन किसानों के पास पहले से बिजली के कृषि कनेक्शन हैं, वे इस सोलर पंप सेट अनुदान योजना के लिए पात्र नहीं होंगे। साथ ही, जिन्होंने पहले कभी सौर ऊर्जा पंप पर अनुदान लिया हो, उन्हें भी इस बार लाभ नहीं मिलेगा। यह कदम संसाधनों का न्यायसंगत वितरण सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
कैसे मिलेगा लाभ? समझें पूरी प्रक्रिया
- वित्तीय सहायता: चुने हुए किसानों को स्टैंड-अलोन सोलर पंप सेट पर 60% तक की सरकारी सहायता मिलेगी। शेष 40% राशि किसान को स्वयं वहन करनी होगी। वर्तमान में, यह सब्सिडी अधिकतम 7.5 हॉर्स पावर (HP) क्षमता वाले पंप तक ही सीमित है। अगर कोई किसान 10 HP तक का पंप लगवाता है, तो 7.5 HP से अधिक की क्षमता पर आने वाली पूरी अतिरिक्त लागत उसे खुद ही उठानी होगी।
- पात्रता का आधार: किसान के पास कम से कम 0.4 हेक्टेयर (लगभग एक एकड़) का स्वयं का खेत होना अनिवार्य है। इसके अलावा, किसान को यह शपथ पत्र देना होगा कि उसके खेत में सिंचाई के लिए पर्याप्त जल स्रोत (कुआँ, बोरवेल आदि) मौजूद है और वह वर्तमान में डीजल पंप का उपयोग कर रहा है।
- अनिवार्य दस्तावेज: ऑनलाइन आवेदन के लिए जरूरी है: जनधार कार्ड, खेत का नवीनतम जमाबंदी और नक्शा, जल स्रोत और डीजल पंप के इस्तेमाल का स्व-घोषित शपथ पत्र, बिजली कनेक्शन न होने और पहले सौर अनुदान न लेने का शपथ पत्र।
आवेदन प्रक्रिया में बरतें ये सावधानियां
किसान राज किसान पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा अनुमोदित 32 फर्मों में से किसी एक का चयन करना होगा। आवेदन जमा करने के बाद उद्यान विभाग द्वारा दस्तावेजों की जाँच की जा रही है।
डॉ. रमेशचंद्र बराला (उप निदेशक, उद्यान विभाग, हनुमानगढ़) ने कहा कि “हम देख रहे हैं कि कई किसानों के आवेदन दस्तावेजों में कमियां रह जाती हैं,” । “ऐसे में उनकी फाइल ‘बैक टू सिटीजन’ (B2C) कर दी जाती है। किसान को चाहिए कि वह 30 दिनों के भीतर अपने नजदीकी ई-मित्र केंद्र पर जाकर, या फिर स्वयं राज किसान पोर्टल पर लॉग इन करके, लगाए गए आक्षेपों को दूर करके आवश्यक दस्तावेज अपलोड करवा दे।”
विभाग की किसानों से अपील
एक चिंताजनक बात यह सामने आई है कि अभी तक विभाग के पास अपेक्षा से काफी कम आवेदन पहुंचे हैं। डॉ. बराला सभी पात्र किसानों से इस योजना का अधिक से अधिक लाभ उठाने की अपील करते हैं। “यह सोलर पंप सेट अनुदान किसानों को लंबे समय में सिंचाई की लागत कम करने, डीजल के उतार-चढ़ाव से मुक्ति दिलाने और पर्यावरण के अनुकूल खेती करने का सुनहरा अवसर प्रदान करता है,” उन्होंने जोर देकर कहा।
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