Gold Price in 2025: दोस्तों पिछले कुछ दिनों से आपने भारतीय मीडिया रिपोर्ट और सोशल मीडिया पर सोने की क़ीमतों में गिरावट को लेकर अनेक खबरे पढ़ी होगी। इन खबरों में दावा किया जा रहा था कि आने वाले दिनों में सोने की कीमतों में भारी गिरावट आएगी और सोने का भाव 50 हजार रुपए प्रति 10 ग्राम तक गिर सकता है, लेकिन आज दुनिया की मशहूर इन्वेस्टमेंट बैंक गोल्डमैन सैक्स ने सोने की कीमतों में लेकर जो दावा किया है, उसके बाद गोल्ड में गिरावट के सारे दावे हवा में फुर्र होते नजर आ रहे है।
जी हाँ पिछले हफ्ते सोने की कीमतों में आई ताबड़तोड़ के बाद विश्वसनीय स्रोत Goldman Sachs ने अपनी ताजा रिपोर्ट में 2025 तक सोने का भाव $4,500 प्रति औंस (लगभग 1.36 लाख रुपए प्रति 10 ग्राम) तक पहुंचने का अनुमान जताया है। यह सिर्फ एक आंकड़ा नहीं, बल्कि वैश्विक आर्थिक हलचलों का संकेत भी है। आइए समझते हैं गोल्डमैन सैक्स के इस अनुमान में कितनी वास्तविकता है ।
गोल्डमैन ने सोने को लेकर तीसरी बार जारी किया अनुमान
- पहला: पहली बार Goldman Sachs ने फरवरी 2025 में जो अनुमान जारी किया था उस वक्त इन्होंने सोने के 3,100 डॉलर प्रति औंस तक जाने की संभावना जताई थी।
- दूसरा : उसके बाद दूसरी बार मार्च 2025 में गोल्डमैन ने इसे बढ़ाकर 3,300 डॉलर प्रति औंस तक जाने का लक्ष्य निर्धारित किया ।
- तीसरा : अब तीसरी बार अप्रैल 2025 में गोल्डमैन ने नया अनुमान जारी करते हुए कहा है कि इस साल के लास्ट तक सोने का दाम 3,700 डॉलर प्रति औंस तक जा सकता है।
गौरतलब है कि इस समय अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ को लेकर जो जंग छिड़ी हुई है, उससे देखते हुए निवेशकों को अब मंदी का डर सताने लगा है। ऐसे में निवेशक सोने की और रूख कर रहे है। विशेषज्ञों के मुताबिक, दुनिया भर के केंद्रीय बैंक इस समय भारी मात्रा में सोना खरीदने में जुटे हैं, जिससे कीमतें तेजी से बढ़ रही है।
Gold ETF ने तोड़ा रिकॉर्ड
बीते हफ्ते Gold ETF (ईटीएफ) की कीमत पहली बार 3,200 प्रति औंस को पार करते हुए 3,245.69 के ऑल टाइम हाई पर पहुंच गई । ग्लोबल जियोपॉलिटिकल तनावों के बीच निवेशकों ने सोने को “सुरक्षित निवेश” मानते हुए ईटीएफ में पैसा लगाया। भारत में भी फिजिकल गोल्ड और डिजिटल ईटीएफ दोनों की मांग बढ़ी है। Zerodha और Groww जैसे प्लेटफॉर्म्स पर नए निवेशकों की संख्या में 30% का उछाल दर्ज किया गया है।
केंद्रीय बैंकों की ख़रीदारी में भारी इजाफा
गोल्डमैन सैक्स के अनुसार, दुनिया भर के केंद्रीय बैंक अब हर महीने औसतन 80 टन सोना खरीद रहे हैं, जो पहले के 70 टन के अनुमान से ज्यादा है। हैरानी की बात यह है कि साल 2022 से पहले यह आंकड़ा महज 17 टन प्रति महीना था। यानी, पिछले दो सालों में केंद्रीय बैंकों ने सोने की खरीदारी में 370% की बढ़ोतरी की है! विशेषज्ञ मानते हैं कि ग्लोबल इकॉनमी में अनिश्चितता और डॉलर के मुकाबले वैकल्पिक संपत्ति की तलाश इसकी बड़ी वजह है।
आज कितना है सोने का भाव?
सोमवार, 14 अप्रैल को सोना देशभर में 95,600 रुपए प्रति 10 ग्राम के पार नजर आया। दिल्ली में 24 कैरेट सोना 95,810 रुपए और 22 कैरेट 87,840 रुपए पर कारोबार कर रहा है। मुंबई, चेन्नई जैसे शहरों में कीमतें 96,000 रुपए के करीब हैं। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय बाजार में हल्की गिरावट के कारण भारत में भी दामों में 100 रुपए तक की कमी देखी गई।
सोने की कीमत में बढ़ोतरी के प्रमुख कारण
सोना हमारे देश में सिर्फ धातु नहीं, बल्कि संस्कृति का हिस्सा है। लेकिन इसकी कीमतों में उतार-चढ़ाव के पीछे चार मुख्य वजहें हैं:
- अंतरराष्ट्रीय बाजार के रुझान: विदेशी बाजारों में सोने की बढ़ती क़ीमते सीधे तौर पर भारतीय बाजार को प्रभावित करते हैं।
- आयात शुल्क और जीएसटी: सरकार 15% आयात शुल्क और 3% जीएसटी लगाती है, जो कीमतें बढ़ाता है।
- रुपए का कमजोर होना: डॉलर के मुकाबले रुपया गिरता है तो सोना महंगा हो जाता है।
- मांग का मौसम: त्योहारों और शादियों के दौरान खरीदारी बढ़ने से दाम चढ़ते हैं।
निवेशकों के लिए सलाह
Goldman Sachs का अनुमान अगर सही साबित हुआ, तो 2025 तक सोना निवेशकों को शानदार रिटर्न दे सकता है। लेकिन विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि कीमतों के शॉर्ट-टर्म उतार-चढ़ाव में न फंसें। SIP की तरह गोल्ड ईटीएफ में छोटे-छोटे निवेश से जोखिम कम किया जा सकता है।