किशनगढ़ (राजस्थान), 30 मई 2025: राजस्थान की धरती पर नकली खाद माफियाओं द्वारा किसानों के साथ किए जा रहे विश्वासघात के खिलाफ राज्य सरकार ने जंग छेड़ दी है। कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने शुक्रवार को भी नकली खाद के धंधे में लिप्त माफियाओं पर कार्रवाई जारी रखी। लगातार दूसरे दिन उन्होंने खुद किशनगढ़ के दिंडवाड़ा और बांदरसिंदरी इलाकों में स्थित ‘राधिका एग्रो’ और ‘सालासर’ फैक्ट्रियों पर अचानक छापेमारी की। यह अभियान इतना गोपनीय था कि इन माफियाओं को भनक तक नहीं लगने दी गई।
मंत्री के फैक्ट्री में प्रवेश करते ही वहां हड़कंप मच गया। काम कर रहे कर्मचारी और सुपरवाइजर फरार हो गए। डॉ. मीणा ने तुरंत मौके पर पहुंचे अधिकारियों को आदेश दिए कि जिप्सम की गुणवत्ता की तत्काल जांच की जाए, नमूने लिए जाएं और फैक्ट्री को सील कर दिया जाए।
क्या उजागर हुआ छापे में?
जांचकर्ताओं के सामने एक चौंकाने वाला नज़ारा था। इन अवैध ठिकानों पर सादा मार्बल का चूरा और साधारण मिट्टी को मिलाकर बड़े पैमाने पर नकली खाद (Fake fertilizer) तैयार की जा रही थी। यह धोखा DAP, SSP और पोटाश जैसी आवश्यक खादों के नाम पर चल रहा था।
फैक्ट्रियों और उनसे जुड़े गोदामों से हजारों की संख्या में खाली बोरे, जाने-माने ब्रांड्स जैसे IFFCO और IPL के फर्जी लेबल और पैकिंग मशीनरी बरामद हुई। साफ था कि इस घटिया सामान को Branded Fertilizers के रूप में पैक करके किसानों को बेचने की तैयारी चल रही थी। यह सीधे तौर पर किसानों और देश की खाद्य सुरक्षा के साथ खिलवाड़ है ।
सख्त कार्रवाई और राजनीतिक आरोपों का सिलसिला
डॉ. मीणा ने तुरंत मौके पर पुलिस और प्रशासन को बुलाकर दोनों फैक्ट्रियों को सील करने के आदेश दिए और आपराधिक जांच शुरू करवाई। उन्होंने कहा, “यह किसानों के साथ सीधा विश्वासघात है। जो भी इस गोरखधंधे में शामिल हैं, उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होगी। पिछली सरकार की लापरवाही से जो कबाड़ खड़ा हुआ है, उसे हम साफ कर रहे हैं।”
गौरतलब है कि इससे ठीक पहले गुरुवार को भी इसी इलाके की 12 अवैध नकली खाद फैक्ट्रियों को सील किया गया था। इस पूरे अभियान को कृषि विभाग ने एक गुप्त ‘डिकॉय टीम’ बनाकर अंजाम दिया है।
इस मामले में कांग्रेस नेता गोविंद सिंह डोटासरा के बयान पर मंत्री मीणा ने स्पष्ट रुख अपनाया। डोटासरा ने केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री श्री भागीरथ चौधरी के संसदीय क्षेत्र में यह घटना होने पर सवाल उठाए थे और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। डॉ. मीणा ने जवाब दिया, “यह कोई राजनीतिक विषय नहीं है। यह किसानों के भविष्य और उनकी आजीविका का सवाल है। केंद्रीय मंत्री श्री चौधरी जी का इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है। उन्हें इस विषय में घसीटना बिल्कुल अनुचित है।”
नकली खाद: किसानों की आशाओं पर कुठाराघात
यह घटना एक बड़े सिस्टमेटिक धोखे की ओर इशारा करती है। जहां किसान फसलों की बंपर पैदावार के सपने संजोते हैं, वहीं कुछ लालची तत्व उनकी मेहनत पर पानी फेरने पर तुले हैं। मार्बल पाउडर और मिट्टी से तैयार यह नकली खाद न सिर्फ फसलों को नुकसान पहुंचाती है, बल्कि जमीन की उर्वरा शक्ति को भी नष्ट कर देती है।
नकली और असली खाद की पहचान कैसे करें?
ऐसे करें नकली और असली यूरिया, DAP, SSP और पोटाश की पहचान…
खाद का नाम | असली खाद की पहचान | नकली खाद की पहचान |
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यूरिया (Urea) | – सफेद, चमकदार दाने- पानी में पूरी तरह घुल जाए- हल्की अमोनिया जैसी गंध | – पीले या धुंधले रंग के दाने- पानी में अधूरी तरह घुले- गंध कम या नहीं |
DAP (डाय-अमोनियम फॉस्फेट) | – गहरे कत्थई या काले दाने- चमकीले व चिकने दाने- पानी में घुलकर झाग बनाएं | – सफेद/हल्के रंग के दाने- खुरदरे और बेरंग दाने- तल में गाद छोड़े |
SSP (सिंगल सुपर फॉस्फेट) | – हल्का भूरा रंग- हल्की गंध- थोड़ा चिपचिपा या नम | – ज्यादा सफेद या एकदम सूखा- कोई गंध नहीं- एकदम सूखी बनावट |
पोटाश (MOP) | – लाल या गुलाबी रंग- कठोर, समान आकार के दाने- पानी में जल्दी घुल जाए | – हल्का रंग या टूटे-फूटे दाने- पानी में धीरे या अधूरी तरह घुले- तल में अवशेष छोड़ें |
असली यूरिया की पहचान

असली जिंक सल्फेट की पहचान

असली पोटाश की पहचान

असली SSP की पहचान

असली DAP की पहचान
