LPG Price Hike: केंद्र सरकार ने आम आदमी को महंगाई का बड़ा झटका देते हुए, घरेलू रसोई गैस (Domestic LPG) व उज्ज्वला सिलेंडर (Ujjwala Gas cylinder) की कीमतों में इजाफा कर दिया है। बता दें कि सरकार ने 14 किलोग्राम वाले घरेलू रसोई गैस सिलेंडर के दाम में क़रीब एक साल के बाद कोई बदलाव किया है। इससे पहले 9 मार्च 2024 को बदलाव किया गया था। उस समय सरकार ने गैस सिलेंडर की कीमत में 100 रुपए की कमी की थी। हालांकि इससे पहले 1 अप्रैल को तेल कंपनियों ने कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में करीब 45 रुपये तक की कटौती की थी ।
दरअसल, केंद्र सरकार ने 7 अप्रैल को एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमतों में 50 रुपये प्रति सिलेंडर की बढ़ोतरी का ऐलान कर दिया है। यह बदलाव आज यानी 8 अप्रैल से लागू हो चुका है। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी के मुताबिक, सरकार ने यह कदम तेल कंपनियों के नुकसान की भरपाई के लिए उठाया गया है। पर सवाल यह है कि यह बढ़ोतरी आम जनता के घरेलू बजट को कैसे प्रभावित करेगी? आइए विस्तार से समझते हैं।
क्या है घरेलू रसोई गैस सिलेंडर की नई दरें?
आम उपभोक्ताओं व PMUY लाभार्थियों को आज से बढ़ी हुई दरों पर गैस सिलेंडर मिलेगा। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) के तहत मिलने वाले सब्सिडी वाले सिलेंडर की कीमत अब 500 रुपये के बजाय 550 रुपये प्रति सिलेंडर हो गई है। वहीं, गैर-लाभार्थियों को अब एक सिलेंडर 853 रुपये में खरीदना पड़ेगा, जो पहले 803 रुपये था। यह बढ़ोतरी पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में हुई वृद्धि के बाद आई है, जिसे सरकार “तेल कंपनियों को राहत देने” का जरिया बता रही है।
Non-Subsidised Prices of Indane in Metros(Rs./14.2 kg cylinder)
शहर | नया रेट (8 अप्रैल 2025 से) | पुराना रेट |
---|---|---|
दिल्ली | 853.00 | 803.00 |
कोलकाता | 879.00 | 829.00 |
मुंबई | 852.50 | 802.50 |
चेन्नई | 868.50 | 818.50 |
क्यों बढ़ाए गैस सिलेंडर दाम, सरकार का तर्क
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने स्पष्ट किया कि यह निर्णय अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव और तेल विपणन कंपनियों (OMCs) को हुए 43,000 करोड़ रुपये के नुकसान को देखते हुए लिया गया है। उन्होंने कहा, “हर 2-3 सप्ताह में हम इन दरों की समीक्षा करते हैं। इस बार कीमत बढ़ाने का मकसद उपभोक्ताओं पर पेट्रोल-डीजल का बोझ न बढ़ाना था।”
हालाँकि, यह बयान कुछ सवाल खड़े करता है। आखिर क्यों सरकार ने LPG जैसी आवश्यक वस्तु की कीमतों में इजाफा करने को प्राथमिकता दी? विशेषज्ञों का मानना है कि ग्लोबल मार्केट में कच्चे तेल की कीमतें और रुपये के मुकाबले डॉलर की कमजोरी इसका प्रमुख कारण हो सकती हैं।
क्या आगे और बढ़ेगी एलपीजी की कीमत?
मंत्री पुरी ने संकेत दिया है कि सरकार भविष्य में इन दरों पर फिर से विचार कर सकती है। उनके शब्दों में, “यह एक अस्थायी कदम है। हम OMCs के साथ मिलकर उपभोक्ताओं और अर्थव्यवस्था के हित में संतुलन बनाए रखने का प्रयास करेंगे।”
पर अभी के लिए, यह बढ़ोतरी महंगाई की मार झेल रहे मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए चिंता का विषय है। PMUY योजना के तहत 9 करोड़ से अधिक लाभार्थी इस सब्सिडी पर निर्भर हैं, और ₹50 का इजाफा भी उनकी जेब पर भारी पड़ सकता है।
निष्कर्ष:
एलपीजी कीमतों में यह बदलाव सरकार के लिए एक संतुलन बनाने की चुनौती है—एक तरफ तेल कंपनियों का वित्तीय स्वास्थ्य, दूसरी तरफ आम जनता की जेब। विश्वसनीय स्रोतों जैसे पेट्रोलियम मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट या समाचार एजेंसी PTI से अपडेट्स ट्रैक करना उपभोक्ताओं के लिए फायदेमंद होगा।
अगले कुछ हफ्तों में सरकार की समीक्षा इस बात का संकेत देगी कि क्या यह बढ़ोतरी स्थायी है या अंतरराष्ट्रीय बाजार के हालातों के आधार पर इसमें ढील दी जाएगी। फिलहाल, घरेलू बजट बनाते समय इस नई दर को जरूर ध्यान में रखें!