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सूरतगढ़ में DAP के 32 हजार कट्टों का जखीरा बरामद, कृषि मंत्री की दबिश से मचा हड़कंप

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कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने आज रविवार की सुबह राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले के सूरतगढ़ में Industrial इलाके में अचानक दी दबिश से अफरा-तफरी मच गई। बता दें कि कृषि मंत्री का राजस्थान में नकली खाद-बीज (Fake fertilizers and seeds) और कालाबाजारी (Black marketing) पर बीते महीने से ताबड़तोड़ एक्शन जारी ।

रीको क्षेत्र के इंडस्ट्रियल एरिया में स्थित एक गोदाम, जो IFFCO बाजार के नाम से चल रहा था, वहां मंत्री मीणा ने जब कदम रखा तो वहां मौजूद लोग सकपका गए। लेकिन असली हैरानी तब हुई जब गोदाम की दीवारों के पीछे कोरोमंडल कंपनी के DAP और अन्य उर्वरकों के करीब 32 हजार कट्टे छिपे हुए पाए गए। इनकी अनुमानित कीमत 50 करोड़ रुपये से भी अधिक बताई जा रही है।

किसानों की हक की खाद गोदाम में दबाकर रखी गई

यह वही खाद थी जो किसानों को पहले ही वितरित की जानी चाहिए थी। लेकिन इसके बजाय, इसे छुपाकर गोदाम में स्टॉक किया गया। मंत्री मीणा ने मौके पर ही कृषि विभाग के अधिकारियों को बुलवाया और स्टॉक रजिस्टर सहित सभी दस्तावेज जब्त कर लिए।

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उन्होंने साफ शब्दों में कहा, “इतनी बड़ी मात्रा में खाद का एक ही जगह पाया जाना सामान्य नहीं हो सकता। इसमें कालाबाजारी की पूरी आशंका है।”

गोदाम मालिकों में मचा हड़कंप, विभाग ने शुरू की जांच

जैसे ही मंत्री की छापेमारी की खबर फैली, सूरतगढ़ के खाद-बीज कारोबारियों में हड़कंप मच गया। स्थानीय प्रशासन और कृषि विभाग की टीमें तुरंत सक्रिय हो गईं और मौके पर रुककर दस्तावेजों की गहन जांच शुरू की गई।

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गौरतलब है कि यह वही गोदाम है जिसके खिलाफ पहले भी स्टॉक में हेराफेरी और भंडारण की अनियमितताओं की शिकायतें मिल चुकी थीं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई थी।

बिचौलियों की कमर तोड़ेंगे: मंत्री मीणा

कृषि मंत्री मीणा जी (Agriculture Minister Kirodi Lal Meena) ने कहा कि यह छापेमारी किसी एक दिन की कार्रवाई नहीं, बल्कि एक अभियान का हिस्सा है जो किसानों के अधिकारों की रक्षा के लिए चलाया जा रहा है। “अगर किसी भी स्तर पर लापरवाही या मिलीभगत पाई गई, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी,” उन्होंने स्पष्ट किया।

इस अभियान का मकसद है किसानों तक समय पर खाद पहुंचाना और बिचौलियों के नेटवर्क को ख़त्म करना। मंत्री की इस दृढ़ता ने स्थानीय प्रशासन को भी सतर्क कर दिया है। अब राज्य स्तर पर खाद आपूर्ति की पारदर्शिता और जवाबदेही तय करने की कवायद तेज हो चुकी है।

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जगत पाल पिछले 8 वर्षों से एक पेशेवर ब्लॉगर हैं। वे शिक्षा, ऑटो, कृषि समाचार, मंडी भाव, गैजेट्स और बिजनेस जैसे विषयों पर विशेषज्ञता रखते हैं। वर्तमान में वे news.emandirates.com के संपादक और प्रमुख लेखक हैं, जहाँ वे भरोसेमंद और जानकारीपूर्ण कंटेंट प्रदान करते हैं।