कृषि विभाग ने परंपरागत कृषि विकास योजना (PKVY) के तहत किसानों के लिए एक बेहद खास स्कीम चला रखी है। अगर आप भी अपनी खेती को रसायनों के जाल से मुक्त करना चाहते हैं और प्राकृतिक तरीके अपनाना चाहते हैं, तो यह खबर आपके लिए है। विभाग किसानों को जैविक खेती (Organic Farming) शुरू करने के लिए सीधे ₹5000 की आर्थिक मदद दे रहा है! ये पैसा खासतौर पर केंचुआ खाद (वर्मीकम्पोस्ट) की इकाई लगाने के लिए है।
कृषि विभाग द्वारा Paramparagat Krishi Vikas Yojana (PKVY) के अंतर्गत किसानों को जैविक खेती अपनाने के लिए न सिर्फ जागरूक किया जा रहा है, बल्कि उन्हें वित्तीय और तकनीकी सहयोग भी प्रदान कर रहा है।
इस योजना के तहत किसानों को तीन वर्षों तक लगातार मार्गदर्शन, प्रशिक्षण (Agriculture Training) और सहायता दी जाएगी, ताकि वे रसायनों पर निर्भरता छोड़कर प्राकृतिक खेती की ओर अग्रसर हो सकें। यह न केवल मिट्टी और पर्यावरण के लिए बेहतर है, बल्कि उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य के लिए भी एक अहम कदम माना जा रहा है।
5 हजार रुपए की सहायता और जैविक खाद निर्माण का प्रशिक्षण
जो किसान रसायन मुक्त खेती की दिशा में काम करना चाहते हैं, उन्हें सरकार 5,000 रुपए की आर्थिक सहायता दे रही है। इसके लिए किसानों को केंचुआ खाद निर्माण हेतु 7 फीट लंबी, 3 फीट चौड़ी और 1.5 फीट गहरी क्यारी (Vermicompost Pit) बनानी होगी। यह क्यारी जैविक खाद निर्माण की शुरुआत का आधार होगा, जिसमें किसानों को प्रशिक्षण के माध्यम से इसकी पूरी प्रक्रिया सिखाई जाएगी।
तीन सालों तक मिलेगी गाइडेंस और जैविक खेती की ट्रेनिंग
इस योजना की सबसे खास बात यह है कि यह तीन साल की संरचित योजना है। इस दौरान किसानों को विभिन्न विषयों पर सैद्धांतिक व प्रायोगिक प्रशिक्षण दिया जाएगा, जैसे:
- जैविक एवं प्राकृतिक उत्पाद बनाने की विधियां
- उन्नत फसल प्रबंधन
- हरी खाद और जीवामृत निर्माण
- रसायन रहित खेती की रणनीतियाँ
PKVY पात्रता और आवेदन प्रक्रिया
इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों के पास कम से कम 0.4 हेक्टेयर भूमि का स्वामित्व होना आवश्यक है। आवेदन की प्रक्रिया पूरी तरह ऑफलाइन है।
किसान भाइयों को अपनी जमाबंदी, आधार कार्ड, जनाधार कार्ड और बैंक पासबुक की प्रतियां ग्राम पंचायत में कृषि विभाग के अधिकारी को जमा करवानी होंगी।
बाजार तक पहुंच और प्रचार-प्रसार का मिलेगा मौका
केवल उत्पादन ही नहीं, बल्कि बाजार तक जैविक उत्पादों को पहुंचाना भी इस योजना का अहम हिस्सा है। PKVY योजना के अंतर्गत किसानों को प्रदर्शनियों, मेलों व अन्य आयोजनों में स्टॉल लगाने के अवसर भी प्रदान किए जाएंगे। यहां उन्हें अपने उत्पादों का प्रचार-प्रसार करने और ब्रांड बनाने का मौका मिलेगा। साथ ही किसानों के समूह बनाकर उन्हें आर्थिक सहयोग भी दिया जाएगा।
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