जयपुर: राजस्थान समेत अन्य कई राज्यों में किसानों के साथ हो रहे खिलवाड़ पर बीते 6 दिनों से हर रोज़ नए खुलासे हो रहे है। किसानों की मेहनत और जमीन की उर्वरा शक्ति दोनों को निशाना बनाया जा रहा था । पिछले छ: दिनों से जारी छापेमारी में अभी तक नकली उर्वरक बनाने वाली 14 कंपनियों पर शिकंजा कसा जा चुका है, जबकि 10 एफआईआर दर्ज करके इस गोरखधंधे की जड़ों तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है। जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि ये कंपनियां देश के 16 राज्यों में पिछले 5 से 10 सालों से किसानों को नकली खाद सप्लाई कर रही थीं, जिससे लाखों किसानों की फसलें खतरे में पड़ गईं।
चार महीने में जेल के पीछे होंगे गुनहगार
राजस्थान के कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने सख्त लहजे में कहा, “जो लोग नकली खाद बनाकर किसानों की मेहनत से खिलवाड़ कर रहे हैं, उन्हें चार महीने के भीतर जेल भेज दिया जाएगा।” उन्होंने यह भी बताया कि राज्यभर में 160 सदस्यों की विशेष जांच टीम ने इस मामले की तह तक पहुंचने का काम शुरू कर दिया है।
जांच में सामने आया है कि राजस्थान और आसपास के इलाकों में संचालित 34 खाद कंपनियों ने जालसाजी का जाल बुन रखा था। हैरानी की बात यह है कि इनमें से अधिकतर कंपनियों के पास दिल्ली और तमिलनाडु से जैविक खाद (PROM) बनाने का लाइसेंस था, लेकिन वे नकली उत्पाद बेच रही थीं।
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क्या पिछली सरकार के अधिकारी भी शामिल थे?
जांच के दौरान एक और चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है। जनवरी में कृषि विभाग की क्वालिटी कंट्रोल टीम ने इन कंपनियों का निरीक्षण (inspection of fertilizer companies) किया था, लेकिन फिर भी नकली खाद का गोरखधंधा बिना किसी डर धड़ले से चल रहा था ।
इससे यह सवाल उठ रहा है कि क्या विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से यह रैकेट चलाया जा रहा था? केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री भागीरथ चौधरी ने इस मामले पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “किसानों के साथ यह धोखा किसी भी कीमत पर माफ नहीं किया जाएगा।” उन्होंने यह भी बताया कि ये कंपनियां पिछले 5 से 10 साल से चल रही हैं, जिससे साफ है कि पिछली सरकारों के दौरान भी यह धंधा फल-फूल रहा था।
किशनगढ़ ही नहीं , पूरे राज्य में फैला जाल
शुरुआती जांच से पता चला है कि किशनगढ़ में मार्बल स्लरी की आसान उपलब्धता ने इस नकली खाद के धंधे को बढ़ावा दिया। लेकिन अब यह साफ हो चुका है कि यह घोटाला सिर्फ किशनगढ़ तक सीमित नहीं है। श्री गंगानगर की एक कंपनी से 525 टन, उदयपुर से 46 टन और जयपुर से 32 टन नकली खाद जब्त की गई है। यह सिलसिला अभी थमा नहीं है, और जांच का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है।
ये है फर्जी कंपनियों की लिस्ट
अभी तक की जांच में जिन कंपनियों के नाम सामने आए है उनकी लिस्ट इस प्रकार है –
- ट्रॉपिकल एग्रो सिस्टम इंडिया
- अतिशय बायोटेक इंडस्ट्री इंडिया
- राघव एग्रो इंडस्ट्री
- श्री गोवर्धन एग्रो
- दिव्या एग्रो फूड इंडस्ट्री
- श्री एग्रो
- मंगलदीप बायो फर्टिलाइजर एंड कैमिकल
- ग्रीन एग्रो इंडस्ट्री, सत्वम एग्रो
- राधिका बायो फर्टिलाइजर और
- अरावली फर्टिलाइजर शामिल है ।
इन सभी को सील कर दिया गया है।
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किसानों से अपील: सतर्क रहें!
इस पूरे मामले ने एक बार फिर सवाल खड़े किए हैं कि कैसे बिना गुणवत्ता वाली खाद बाजार (Poor quality fertilizer market) में आसानी से बिक रही थी। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि किसानों को केवल विश्वसनीय स्रोतों से ही खाद खरीदनी चाहिए और किसी भी संदिग्ध उत्पाद की शिकायत तुरंत अधिकारियों तक पहुंचानी चाहिए।
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