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काबुली चने में अब ज्यादा गिरावट की नहीं गुंजाइश, देखें ये रिपोर्ट

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Kabuli Gram Price: काबुली चने की बिजाई अधिक होने तथा मंडियों में नये माल की आवक पिछले एक सप्ताह के अंतराल दोगुनी हो जाने से 30/32 रुपए प्रति किलो की गिरावट आ गई है। बीते दो कारोबारी दिनों में ही 16/17 रुपए की उल्लेखनीय गिरावट उत्पादक मंडियों में आ गई है तथा भविष्य में 5/6 रुपए और घटने के आसार दिखाई दे रहे हैं, लेकिन वर्तमान वाले भाव में एक बार खरीद भी करना चाहिए।

महाराष्ट्र एवं गुजरात के माल और घटाकर बिकवाल आने लगे हैं। वहां की मंडियों में काबुली चने (Chickpea) की आवक दो दिनों के अंतराल दोगुनी हो जाने से 16-17 रुपए लुढ़क कर क्वालिटी अनुसार काबुली चने के भाव 68/72 रुपए प्रति क्विंटल के बीच रंगत एवं नमी के हिसाब से बिकवाल आने लगे हैं।

महाराष्ट्र के माल बिल्टी में 75/77 रुपए दिल्ली के लिए बिका है। इसके प्रभाव से जो पिछले सप्ताह 90/92 प्रति किलो हाजिर में माल बिका था कल 80/82 में भी कोई लिवाल नहीं था।

काबुली चने में इस बार रिकॉर्ड भाव बनने से किसानों का रुझान बिजाई की तरफ अधिक बन गया था, यही कारण है कि डेढ़ से पौने दो गुनी बिजाई महाराष्ट्र , गुजरात, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश एवं कर्नाटक उक्त सभी राज्यों में हुई थी तथा मौसम भी अनुकूल होने से चौतरफा फसल बहुत बढ़िया आई है।

पिछले एक महीने पहले पाइपलाइन में माल की कमी होने से नीचे के भाव से महाराष्ट्र का काबुली चना 110/111 रुपए प्रति किलो हो गया था। इसी अनुपात में मोटे माल भी 150/157 रुपए बन गया था। उसके भाव महाराष्ट्र कर्नाटक एवं आंध्र प्रदेश में नये माल की आवक बढ़ते ही यहां 128/130 रुपए प्रति किलो रह गए हैं।

महाराष्ट्र के बुढलाडा लाइन का माल 76/77 रुपए प्रति किलो दिल्ली पहुंच में बिकवाल आने लगे हैं। इधर गुजरात का माल आज 74/75 रुपए प्रति किलो दिल्ली पहुंच में बिकवाल हैं, लेकिन लिवाल नहीं हैं।

कारोबारियों का कहना है कि 6/7 रुपए वर्तमान भाव में और घट सकता है। इंडियन मेक्सिको नया माल 120/128 रुपए बिल्टी में व्यापार हुआ है, जो 143/144 रुपए बिक गया था।

गौरतलब है कि काबुली चने का उत्पादन इस बार 27-28 लाख मीट्रिक टन होने का अनुमान है, जो गत वर्ष 16-17 लाख मीट्रिक टन हुआ था। बाज़ार के जानकारों के मुताबिक़ पुराना माल पाइप लाइन में नहीं है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी इस बार भाव नीचे हैं, जिससे निर्यात की बजाय आयत का पड़ता लगने लगा है।

कनाडा यूक्रेन आस्ट्रेलिया फ्रांस सभी उत्पादक देशों में इस बार काबुली चने की बिजाई अधिक हुई है, इस वजह से निर्यात भी काफी कम रह जाने की संभावना है, इन परिस्थितियों में वर्तमान भाव से 6/7 रुपए प्रति किलो की और गिरावट लग रही है, लेकिन इन भावों में एक बार व्यापार करना चाहिए।

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