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अब किसानों का बनेगा CIBIL स्कोर: नहीं चुकाया लोन तो खाद-मुआवजा और नया लोन नहीं मिलेगा

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जयपुर, 14 मई : राज्य सरकार ने अब किसानों की कर्ज अदायगी को लेकर बड़ा कदम उठाया है। अगर आप किसान हैं और आपने समय पर लोन (Loan) नहीं चुकाया है, तो अब सिर्फ बैंक की नोटिस ही नहीं, बल्कि सरकार की योजनाओं से भी हाथ धोना पड़ सकता है। सरकार ने किसानों का क्रेडिट स्कोर तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिससे यह तय होगा कि किसे खाद, बीज, मुआवजा या अगला लोन मिलेगा — और किसे नहीं। आइए जाने Farmer’s CIBIL Score के बारे में…

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क्यों लिया यह फ़ैसला?

पिछले एक दशक में कृषि ऋण माफ़ी (Agricultural loan waiver) की राजनीति ने सहकारी बैंकों (Co-operative Banks) की वसूली प्रक्रिया को धीमा कर दिया है। सरकारी आँकड़े बताते हैं कि 30 हज़ार किसानों पर 846.32 करोड़ रुपए का बकाया है, जिसमें मूलधन, ब्याज और जुर्माना शामिल है। इनमें से अधिकतर ने भूमि विकास बैंक से लिए गए ऋण को लंबे समय तक नज़रअंदाज़ किया।

इस संकट से निपटने के लिए सरकार ने “मुख्यमंत्री ब्याज राहत एकमुश्त समझौता योजना” शुरू की, जिसमें 515 करोड़ रुपए के ब्याज और जुर्माने की माफ़ी दी गई। लेकिन, सहकारिता मंत्री गौतम कुमार दक के मुताबिक, “कर्ज़ माफ़ी के बाद भी 10 हज़ार किसानों ने समझौता योजना को गंभीरता से नहीं लिया।”

कृषि विभाग और सहकारिता बैंक अब मिलकर ऐसे किसानों की सूची तैयार कर रहे हैं, जो बार-बार चूक करते हैं। अब उनके क्रेडिट स्कोर के आधार पर ही तय होगा कि उन्हें सरकारी सहायता मिलेगी या नहीं। यह स्कोर बैंकों के CIBIL की तर्ज पर बनेगा, जो किसान की वित्तीय ईमानदारी को रिकॉर्ड करेगा।

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क्रेडिट स्कोर खराब हुआ तो क्या होगा?

सरकारी योजनाओं से सीधा नाता टूटेगा:

  • खाद-बीज पर सब्सिडी नहीं
  • फसल बीमा और मुआवजे से वंचित
  • नया कृषि लोन भी रोका जा सकता है
  • सहकारी संस्थाओं में चुनाव लड़ने का अधिकार छीनना।

कर्ज माफ़ी के बाद भी क्यों बढ़ी सख्ती?

राज्य सरकार ने बीते वर्षों में कई बार किसानों का कर्ज माफ किया है। लेकिन इसके बाद यह देखा गया कि कुछ किसान माफ़ी के बाद भी बकाया चुकाने को गंभीर नहीं हुए। इससे बैंकिंग प्रणाली (Banking System) पर दबाव बढ़ा। अब सरकार का मानना है कि क्रेडिट स्कोर के ज़रिए नैतिक अनुशासन कायम किया जा सकता है।

Farmer’s CIBIL Score से फायदा या नुकसान?

यह स्कोरिंग प्रणाली किसानों के लिए दोधारी तलवार जैसी है। जहां ईमानदारी से लोन चुकाने वाले किसानों को फायदा होगा, वहीं बार-बार चूक करने वालों के लिए यह नई दीवार बन सकती है।

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“सरकार की योजनाओं का लाभ उन्हीं को मिलेगा, जो ज़िम्मेदार और अनुशासित हैं।”
-कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारी

“सरकार ने 200 करोड़ रुपए ब्याज अनुदान के लिए देने की घोषणा की है। इसके लिए एक पोर्टल तैयार किया गया है। इसका मुख्यमंत्री उद्घाटन करेंगे।”
-गौतम कुमार दक, सहकारिता मंत्री

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