ताज़ा खबरें:
Home » खबरें » राजस्थान में 31 मार्च से लागू होंगे नए भवन निर्माण नियम! सेटबैक छूट खत्म, फायर सेफ्टी पर जोर

राजस्थान में 31 मार्च से लागू होंगे नए भवन निर्माण नियम! सेटबैक छूट खत्म, फायर सेफ्टी पर जोर

Jagat Pal

Google News

Follow Us

Advertisement

Rajasthan News: राजस्थान सरकार ने शहरी इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने और आपदा प्रबंधन को प्राथमिकता देते हुए नई भवन निर्माण नीति-2024 को 31 मार्च से लागू करने का फैसला किया है। इसकी घोषणा मुख्यमंत्री राजस्थान दिवस के अवसर पर कर सकते हैं। नगरीय विकास विभाग के अनुसार, यह नीति 2011 के पुराने नियमों की जगह लेगी और नेशनल बिल्डिंग कोड (NBC) के साथ तालमेल बैठाएगी।

क्यों जरूरी है यह बदलाव?

राजस्थान अग्निशमन विभाग के 2023 के आंकड़े बताते हैं कि पिछले 5 वर्षों में जयपुर, कोटा और अजमेर में 60% से अधिक आग दुर्घटनाओं में फायर टेंडरों को इमारतों तक पहुंचने में कठिनाई हुई। नगरीय विकास मंत्री श्रीमती कनक माला ने बताया, “नए नियमों का उद्देश्य अवैध छूट को रोकना और सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करना है। सेटबैक बढ़ाने से आपातकालीन वाहनों को गतिशीलता मिलेगी।”

नई नीति की 5 प्रमुख बातें:

  1. सेटबैक छूट पर रोक: 40% से कम ग्राउंड कवरेज वाले प्लॉट्स पर मिलने वाली छूट समाप्त। अब सभी भवनों को न्यूनतम 4 मीटर सेटबैक का पालन करना होगा।
  2. ऊंचाई नियंत्रण: 500 वर्ग गज से छोटे प्लॉट्स पर अधिकतम 4 मंजिल (14.5 मीटर) की सीमा।
  3. मैकेनिकल पार्किंग प्रतिबंध: आवासीय परिसरों में स्पेस बचाने के लिए लिफ्ट-आधारित पार्किंग पर रोक।
  4. फायर नॉर्म्स अनिवार्य: 15 मीटर से ऊंची इमारतों के लिए फायर एनओसी और ऑटोमैटिक स्प्रिंकलर सिस्टम जरूरी।
  5. एकीकृत हरित क्षेत्र: कॉलोनियों में 25% एरिया पार्क और वॉटर हार्वेस्टिंग के लिए आरक्षित।

बिल्डर्स और नागरिकों पर क्या पड़ेगा असर?

  • निर्माण लागत बढ़ने की आशंका: CREDAI राजस्थान के अध्यक्ष राजीव जैन के अनुसार, “सेटबैक नियमों से प्लॉट की उपयोगी जगह 15% तक कम होगी, जिससे मध्यमवर्गीय आवासों की कीमतें बढ़ सकती हैं।”
  • सुरक्षा में सुधार: शहरी योजना विशेषज्ञ डॉ. अर्पिता माथुर मानती हैं कि यह कदम बंगलुरू और मुंबई जैसे महानगरों में लागू नीतियों के अनुरूप है, जहां 2020 के बाद आग से होने वाली मौतों में 40% कमी आई।

पृष्ठभूमि: क्यों अटका था ड्राफ्ट?

नगरीय विकास विभाग ने इस नीति का प्रारूप सितंबर 2023 में तैयार किया था, लेकिन बिल्डर्स एसोसिएशन ने दो मुख्य आपत्तियां उठाईं:

Advertisement
  1. छोटे प्लॉट्स पर ऊंचाई सीमा से बिल्डर्स को प्रति यूनिट 20% तक नुकसान।
  2. मैकेनिकल पार्किंग पर प्रतिबंध से बहुमंजिला इमारतों की व्यवहार्यता प्रभावित।
    सरकार ने हाल ही में बिल्डर्स को 18 महीने का समय देकर समझौता किया है, जिसके तहत पुरानी परियोजनाओं को नए नियमों से छूट मिलेगी।

अन्य राज्यों से तुलना:

पैरामीटरराजस्थान (2024)महाराष्ट्र (2023)कर्नाटक (2022)
न्यूनतम सेटबैक4 मीटर3 मीटर4.5 मीटर
पार्किंग नियममैनुअल हीमैकेनिकल अनिवार्यहाइब्रिड सिस्टम
ग्रीन एरिया20%15%25%

नगरीय विकास विभाग ने ‘डिजिटल बिल्डिंग प्लान’ पोर्टल भी लॉन्च किया है, जहां नागरिक ऑनलाइन अनापत्ति प्रमाणपत्र (NOC) प्राप्त कर सकेंगे। इसके साथ ही, नियमों के उल्लंघन पर अब 2 लाख रुपये तक का जुर्माना लगेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह नीति राजस्थान को स्मार्ट सिटी मिशन के लक्ष्यों के करीब ले जाएगी, लेकिन इसके क्रियान्वयन पर सतर्क निगरानी जरूरी है।

ताजा खबरों से अपडेट रहने के लिए आप हमारे Whatsapp Channe को भी JOIN कर सकते है 👉 यहाँ जुड़ें

Advertisement

इस पोस्ट को शेयर करें:

news.emandirates.com वेबसाईट पर बिजनेस जगत, टेक्नोलॉजी, ऑटो और खेती-बाड़ी, किसान समाचार, सरकारी योजनाओं की ताजा जानकारी प्रदान की जाती है। हमारा उद्देश्य किसानों और युवाओं को देश दुनिया में होने वाली बड़ी घटनाओं की ताजा जानकारी उन तक हिन्दी भाषा में पहुँचना है।