Mustard Weekly Report: सरसों की खेती करने वाले किसानों और इससे जुड़े व्यापारियों के लिए ये समय सतर्कता का है। हालिया हफ्तों में मंडियों में सरसों के दामों में उतार-चढ़ाव देखने को मिला है।
सरसों का बाजार पिछले कुछ महीनों में जिस तेजी से ऊपर चढ़ा था, अब उस रफ्तार में ब्रेक लगते नजर आ रहे हैं। दिल्ली, जयपुर और भरतपुर जैसी प्रमुख मंडियों में सरसों के भाव पिछले सप्ताह की शुरुआत के मुकाबले कमजोर होकर बंद हुए।
सरसों साप्ताहिक तेजी मंदी रिपोर्ट 19 मई 2025
दिल्ली में जहां भाव ₹6300 से घटकर ₹6200 रहे, वहीं जयपुर में ₹6500 की शुरुआती मजबूती के बाद सप्ताह का अंत ₹6450 के स्तर पर हुआ। भरतपुर में ₹6321 से गिरावट के साथ भाव ₹6151 तक आ गए।
कमजोर आवक के बावजूद ठहराव क्यों?
आंकड़े बताते हैं कि बीते हफ्ते सरसों की आवक 5 लाख बोरी के आंकड़े को नहीं छू सकी। सबसे ज़्यादा 4.5 लाख और न्यूनतम 3.25 लाख बोरियों की आवक रही। सामान्य तौर पर इतनी कम आवक से बाजार में मजबूती देखी जाती, लेकिन कमजोर मांग के चलते क़ीमतो पर ब्रेक लग गया ।
तेल और खल की मांग ने बढ़ाया दबाव
जहां एक्सपेलर तेल का भाव दिल्ली में ₹1350 प्रति 10 किलो पर स्थिर रहा, वहीं भरतपुर, टोंक और निवाई क्षेत्रों में इसमें ₹10 प्रति 10 किलो की गिरावट दर्ज की गई। सरसों खल भी दाम के मोर्चे पर सुस्त रहा — दादरी में खल का रेट ₹2140-2150 प्रति क्विंटल के बीच टिका रहा।
दिलचस्प बात यह है कि इस वक्त सरसों तेल, सोया और पाम तेल के मुकाबले ₹12-₹13 महंगा है। यही वजह है कि रिटेल और होलसेल ग्राहक सस्ते विकल्पों की ओर मुड़ सकते हैं, जिससे सरसों तेल की मांग पर असर पड़ सकता है।
प्लांट्स पर भी ठहराव का असर
सलोनी ग्रुप के शमशाबाद, दिगनेर और आगरा प्लांट में भाव ₹7200 तक पहुंचे लेकिन अंत में ₹7150 पर आकर रुके। वहीं, शारदा प्लांट (आगरा) ₹6750 और बीपी प्लांट ₹6800 पर स्थिर रहा। कोटा के गोयल प्लांट पर रेट ₹6300 तक ही टिके रहे।
विदेशी बाजार का भी असर
मलेशिया में पाम तेल के दामों में करीब 1.25% की गिरावट और शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड में सोया ऑयल में कमजोरी ने घरेलू बाजार को भी प्रभावित किया है। कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ने और बायोडीजल को लेकर अनिश्चितता ने बाजार की धार को कमजोर किया है।
जल्दबाज़ी से बचें
मार्च 2025 से अब तक सरसों के दाम ₹350-₹500 तक चढ़ चुके हैं। लेकिन इतनी तेज़ी के बाद बाजार में मुनाफावसूली की संभावना बनी रहती है। इस वक्त घरेलू मांग शादियों के मौसम के चलते बनी रहेगी, पर यह बात भी स्पष्ट है कि सरसों की कीमतों में भारी उछाल की गुंजाइश फिलहाल कम है।
जयपुर में सरसों का रेट ₹6400 के आसपास बना रह सकता है। यदि विदेशी बाजारों में कोई बड़ा झटका नहीं आता, तो धीरे-धीरे सुधार की उम्मीद की जा सकती है। दीवाली तक यह ₹7000 के स्तर को छू सकता है, बशर्ते मौजूदा सप्लाई ट्रेंड बरकरार रहे।
भविष्य की राह कैसी दिख रही है?
फिलहाल मंडियों में सरसों की उपलब्धता सीमित है और अधिकांश स्टॉक मजबूत हाथों में जा चुका है। यही वजह है कि कमज़ोर भावों पर बिकवाली ना के बराबर हो रही है, और मिल मालिकों को ऊँचे दामों पर खरीद करनी पड़ रही है। अगर जयपुर में सरसों ₹6425 के ऊपर टिकती है तो आने वाले हफ्तों में ₹6850 तक की संभावनाएं बन सकती हैं।
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Disclaimer- यहां दी गई सरसों भाव तेजी मंदी की रिपोर्ट मौजूदा बाज़ार भाव और ताजा घटनाक्रम के आधार पर दी गई है । किसी भी प्रकार का व्यापार अपने विवेक से करें। धन्यवाद