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Mustard Price Outlook: भारत-पाक युद्धविराम के बाद सरसों का बाजार कैसा रहेगा? जाने इस रिपोर्ट में

Jagat Pal

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Mustard Price Outlook 12 May 2025:  बीते सप्ताह की शुरुआत में ही दिल्ली की मंडियों में सरसों के भाव ने तेजी का रुख अपना लिया था । सोमवार को सरसों 6,075 से 6,100 रुपए प्रति क्विंटल के स्तर पर खुली, जबकि शनिवार को यह 6,300 रुपए पर बंद हुई थी। यानी, महज एक हफ्ते में सरसों ने 200 रुपए प्रति क्विंटल की छलांग लगा दी।

लेकिन यह उछाल सिर्फ दिल्ली तक सीमित नहीं रहा। भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और सप्लाई चेन में आई बाधाओं ने पूरे उत्तर भारत के बाजारों को प्रभावित किया है। पिछले सात दिनों में सरसों के दामों में 250 से 300 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी दर्ज की गई।

तेल की कीमतों में भी उछाल, मिलों ने बढ़ाए भाव

सरसों के दाम बढ़ने का सीधा असर तेल की कीमतों पर भी पड़ा है। बाजार सूत्रों के मुताबिक, सरसों तेल 5 से 6 रुपए प्रति किलो तक महंगा हो गया है। कुछ मंडियों में तो खरीदारों के बीच “पैनिक खरीदारी” का माहौल भी देखा गया, हालांकि डिमांड में कोई बड़ा उछाल नहीं आया।

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जयपुर की कच्ची घानी (Mustard Oil) की कीमतें भी 5 रुपए प्रति किलो बढ़कर 1,250-1,260 रुपए प्रति 10 किलो के स्तर पर पहुंच गईं। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर कीमतें 1,350 रुपए के स्तर को पार करती हैं, तो यह और 4-5 रुपए प्रति किलो बढ़ सकती हैं।

क्या अब आएगी गिरावट?

हालांकि, भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव में हाल ही में आई कमी के बाद, कुछ विश्लेषकों को लगता है कि बाजार में एक छोटा सुधार देखने को मिल सकता है। उनका अनुमान है कि सरसों तेल 2-3 रुपए प्रति किलो तक सस्ता हो सकता है।

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एक बाजार विश्लेषक ने बताया, *”पिछले हफ्ते की तेजी युद्ध जैसे माहौल में आई थी। अब अगर दामों में 150-200 रुपए की गिरावट आती है, तो यह कोई बड़ी बात नहीं होगी।”*

दीर्घकालिक रुझान मजबूत, लेकिन सतर्कता जरूरी

जहां जयपुर में सरसों के भाव 6,425-6,450 रुपए प्रति क्विंटल के रेजिस्टेंस लेवल पर पहुंच गए हैं, वहीं स्टॉक पिछले साल के मुकाबले कम है। इस वजह से बाजार में बड़ी गिरावट की संभावना नहीं दिख रही।

हालांकि, ऊंचे स्तरों पर डिमांड में कमी आ सकती है, जिससे अल्पकाल में दबाव बन सकता है। फिर भी, दीर्घकालिक नजरिया अभी भी मजबूत बना हुआ है। व्यापारियों को सलाह दी जा रही है कि वे सतर्कता बरतें, लेकिन अगर पोजीशन मजबूत है, तो होल्ड करना बेहतर हो सकता है।

नोट : बाजार में चल रही अनिश्चितता के बीच एक बात साफ है – सरसों का फंडामेंटल अभी भी मजबूत है। लेकिन तनाव और सप्लाई की स्थिति पर नजर बनाए रखना ही समझदारी होगी।

Disclaimer- यहां दी गई सरसों भाव तेजी मंदी की रिपोर्ट मौजूदा बाज़ार भाव और ताजा घटनाक्रम के आधार पर दी गई है । किसी भी प्रकार का व्यापार अपने विवेक से करें। धन्यवाद

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जगत पाल पिछले 8 वर्षों से एक पेशेवर ब्लॉगर हैं। वे शिक्षा, ऑटो, कृषि समाचार, मंडी भाव, गैजेट्स और बिजनेस जैसे विषयों पर विशेषज्ञता रखते हैं। वर्तमान में वे news.emandirates.com के संपादक और प्रमुख लेखक हैं, जहाँ वे भरोसेमंद और जानकारीपूर्ण कंटेंट प्रदान करते हैं।