Moong Procurement News : मध्यप्रदेश के लाखों किसानों के लिए लंबे इंतज़ार के बाद बड़ी राहत की खबर आई है। पिछले कई दिनों से मूंग-उड़द की MSP पर खरीदी की मांग कर रहे किसानों को आखिरकार राहत मिल मिल गई है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ऐलान किया है कि प्रदेश में मूंग और उड़द की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदी की जाएगी, और इसके लिए पंजीयन प्रक्रिया 19 जून से शुरू होगी।
यह घोषणा ऐसे समय पर आई है, जब प्रदेश के किसान बाजार में मूंग की गिरती कीमतों से परेशान थे। खेतों में मेहनत की फसल को मंडियों में औने-पौने दामों पर बेचने की विवशता ने उन्हें आंदोलन करने के लिए मजबूर कर दिया था। किसान संगठन और विपक्ष सरकार की निष्क्रियता पर लगातार सवाल उठा रहे थे।
किसान उठा रहे थे 3000 रुपये क्विंटल तक का नुकसान
बीते कुछ हफ्तों से मध्यप्रदेश की प्रमुख मंडियों में मूंग की कीमतें समर्थन मूल्य (MSP) से काफी नीचे चल रही थीं। किसानों का आरोप था कि मंडियों में मूंग केवल 5000 रुपये प्रति क्विंटल बिक रही है, जबकि केंद्र सरकार द्वारा घोषित एमएसपी 8,768 रुपये प्रति क्विंटल है। यानी प्रति क्विंटल 3000 रुपये तक का घाटा।
इसी आर्थिक नुकसान के चलते किसान संगठनों ने प्रदर्शन किए, सड़कों पर उतरे, और सरकारी उपार्जन (Government Procurement) शुरू कराने की मांग की। वहीं विपक्ष ने भी सरकार पर को घेरते हुए किसानों के साथ जानबूझ कर अन्याय के आरोप लगाए।
कमलनाथ का हमला, शिवराज से बातचीत
पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि “राज्य सरकार ने अब तक खरीदी के लिए आवश्यक प्रस्ताव ही नहीं भेजा है।” उन्होंने सरकार पर ‘टालमटोल की राजनीति’ करने का आरोप लगाया था।
इस बीच, मुख्यमंत्री मोहन यादव ने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से बातचीत की और केंद्र सरकार को मूंग-उड़द की खरीदी का प्रस्ताव भेजने की पुष्टि की। यही नहीं, उन्होंने इस विषय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मार्गदर्शन मिलने की भी बात कही।
सरकार ने दिया किसानों को मिलेगा उचित मूल्य का भरोसा
मुख्यमंत्री ने अपने एक्स (पूर्व ट्विटर) हेंडल पर लिखा,
“आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के मार्गदर्शन में मध्यप्रदेश सरकार किसानों की समृद्धि के लिए निरंतर प्रयासरत है। मध्यप्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मूंग और उड़द के उपार्जन के लिए 19 जून से पंजीयन प्रारम्भ होगा। इस संबंध में मेरी माननीय केंद्रीय कृषि मंत्री श्री @ChouhanShivraj जी से चर्चा हुई है।”
इस फैसले के बाद अब उम्मीद की जा रही है कि राज्य भर के मूंग और उड़द उत्पादक किसानों को सरकारी खरीदी का लाभ मिलेगा और उन्हें फसल का उचित दाम मिल पाएगा।
पंजीयन अनिवार्य, समय पर करवाएं आवेदन
सरकार ने स्पष्ट किया है कि समर्थन मूल्य पर अपनी फसल बेचने के लिए किसानों को पंजीयन कराना अनिवार्य होगा। जिन किसानों ने मूंग या उड़द की बुवाई की है, उन्हें जल्द से जल्द नजदीकी पंजीयन केंद्र या ऑनलाइन माध्यम से अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा, ताकि सरकारी खरीदी का लाभ उठाया जा सके।
देर से सही, राहत तो मिली
हालांकि राज्य सरकार की यह घोषणा दबाव और आंदोलन के बाद सामने आई है, लेकिन किसानों के लिए यह एक महत्वपूर्ण राहत है। अब यह देखना होगा कि इस फैसले का जमीनी क्रियान्वयन कितना प्रभावी होता है, और क्या सभी योग्य किसानों तक लाभ समय पर पहुंच पाता है।
राज्य में वर्षा आधारित खेती करने वाले छोटे और सीमांत किसान ऐसे फैसलों से ही अपनी मेहनत की फसल को बर्बाद होने से बचा सकते हैं। उम्मीद है कि पंजीयन और खरीदी की प्रक्रिया पारदर्शी होगी और किसानों का भरोसा फिर से मजबूत होगा।
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