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Green Field Expressway: राजस्थान में बनने जा रहा है 402KM लम्बे ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे, ये जिले होंगे कवर

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Jalore-Jhalawar Green Field Expressway: राजस्थान के सूखे इलाकों में अब सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है। प्रदेश की भजन लाल सरकार पिछले साल बजट में घोषित 8 ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट्स में से जालोर-झालावाड़ एक्सप्रेसवे का काम धरातल पर शुरू किया जा चुका है। 402 किलोमीटर लंबे इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के लिए सर्वे और डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) का काम तेजी से चल रहा है। यह एक्सप्रेसवे न सिर्फ यातायात का समय बचाएगा, बल्कि जालोर के किसानों की जीरा और अनार की फसल से लेकर ग्रेनाइट उद्योग तक को राष्ट्रीय बाजार से जोड़ देगा।

क्यों है यह प्रोजेक्ट “गेम-चेंजर”?

जालोर की पहचान ग्रेनाइट सिटी और जीवाणा की अनार मंडी के रूप में है। सालाना 1,000 करोड़ रुपए के व्यापार वाले इस इलाके को अब तक बुनियादी ढांचे की कमी झेलनी पड़ रही थी। नया एक्सप्रेसवे जामनगर-अमृतसर इकोनॉमी कॉरिडोर और दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से जुड़कर स्थानीय उत्पादों को ग्लोबल मार्केट तक पहुंचाएगा। विभागीय सूत्रों के मुताबिक, इसकी अनुमानित लागत 10,300 करोड़ रुपए है, जिसे 18 महीने में डीपीआर पूरा होने के बाद हरी झंडी मिल सकती है।

जालोर-झालावाड़ ग्रीन फ़ील्ड एक्सप्रेसवे जालोर से शुरू होकर सिरोही, उदयपुर, चित्तौड़गढ़, बेगू, बिजौलिया, रावतभाटा, मोडक, और चेचट होते हुए झालावाड़ तक जाएगा।

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7 और प्रोजेक्ट्स पर भी तेजी, 60 हजार करोड़ का निवेश

राज्य सरकार ने इन सभी प्रोजेक्ट्स के लिए 60 हजार करोड़ रुपए का बजट घोषित किया है। ये एक्सप्रेसवे राजस्थान को औद्योगिक कॉरिडोर बनाने और रोजगार के नए अवसर पैदा करने की दिशा में बड़ा कदम हैं। जालोर-झालावाड़ एक्सप्रेस-वे (402 किमी) के अलावा 7 अन्य प्रोजेक्ट के लिए डीपीआर का काम प्रगति पर है। जो की इस प्रकार है…

प्रोजेक्ट का नामदूरी (किलोमीटर में)
जालोर-झालावाड़ एक्सप्रेस-वे402 किमी
कोटपूतली-किशनगढ़ एक्सप्रेस-वे181 किमी
जयपुर-भीलवाड़ा एक्सप्रेस-वे193 किमी
बीकानेर-कोटपूतली एक्सप्रेस-वे295 किमी
ब्यावर-भरतपुर एक्सप्रेस-वे342 किमी
अजमेर-बांसवाड़ा एक्सप्रेस-वे358 किमी
जयपुर-फलौदी एक्सप्रेस-वे345 किमी
श्रीगंगानगर-कोटपूतली एक्सप्रेस वे290 किमी

कैसे चलेगी प्रक्रिया?

  • डीपीआर पूरा होने के बाद प्री-फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार की जाएगी।
  • रूट फाइनल करते समय जंगलों और पर्यावरणीय प्रभाव का आकलन होगा।
  • जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होने से पहले स्थानीय समुदायों से बातचीत होगी।

जानकारी के लिए आपको बता दें कि कुल 9 एक्सप्रेस वे की घोषणा की गई थी, जिसमें से एक भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (Nhai) के कार्यक्षेत्र में है। अब पीडब्ल्यूडी (एनएच) के अंतर्गत 8 एक्सप्रेस है। 

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जगत पाल पिछले 8 वर्षों से एक पेशेवर ब्लॉगर हैं। वे शिक्षा, ऑटो, कृषि समाचार, मंडी भाव, गैजेट्स और बिजनेस जैसे विषयों पर विशेषज्ञता रखते हैं। वर्तमान में वे news.emandirates.com के संपादक और प्रमुख लेखक हैं, जहाँ वे भरोसेमंद और जानकारीपूर्ण कंटेंट प्रदान करते हैं।