Stock Limit of Wheat: सरकार ने गेहूं के बढ़ते भाव को क़ाबू करने के लिए ट्रेडर्स, थोक व्यापारी, रिटेलर्स और मिल मालिकों के लिए गेहूं की स्टॉक लिमिट (Wheat Stock Limit) घटा दिया है। यानी ये सब अब गेहूं का बड़ी मात्रा में स्टॉक नहीं रख पाएंगे। इस फ़ैसले के पीछे सरकार का मकसद घरेलू बाजार में गेहूं की सप्लाई बढ़ाना है ताकि गेहूं की कीमतों नियंत्रित किया जा सके। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय द्वारा जारी नोटिफिकेशन के अनुसार अब 24 जून को घोषित स्टॉक लिमिट (Stock Limit) के प्रावधान को 31 मार्च 2025 तक सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू रहेंगे।
अब कितनी हो गई है गेहूं की स्टॉक लिमिट?
उपभोक्ता मामलों, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय द्वारा जारी नोटिफिकेशन के अनुसार जारी की गई नई लिमिट के मुताबिक व्यापारी और थोक विक्रेता (ट्रेडर्स और होलसेलर) के लिए स्टॉक लिमिट को 3000 टन से घटाकर 2000 टन किया गया है। खुदरा विक्रेता के लिए 10 टन।
इसके अलावा बिगचेन रिटेलर्स के लिए भी स्टॉक लिमिट में बदलाव किया गया है अब वो प्रति आउटलेट 10 टन गेहूं रख सकेंगे और डिपो लिमिट उनकी कुल आउटलेट संख्या का 10 गुना होगी। पहले डिपो लिमिट 3000 टन थी। प्रति आउटलेट लिमिट में बदलाव नहीं किया गया है। मिलर्स अपनी मासिक स्थापित क्षमता का 60 प्रतिशत को 2024-25 के शेष महीनों से गुणा के बराबर रख सकते है।

स्टॉक लिमिट में ये बदलाव सरकार द्वारा गेहूं की कीमतों को नियंत्रण रखने और जमाखोरी और सट्टेबाजी पर लगाम लगाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
स्टेटमेंट के मुताबिक इस कटौती का उद्देश्य बड़ी संस्थानों के पास रखी मात्रा को घटाना और बाजार में सप्लाई बढ़ाना है। मंत्रालय ने साथ कहा कि भारत का गेहूं उत्पादन 11.29 करोड़ टन पर पहुंचा है और देश में गेहूं के पर्याप्त भंडार हैं।
हर शुक्रवार देना होगा भंडारित गेहूं के स्टॉक का खुलासा
Wheat stock limit portal: केंद्र सरकार ने कहा है कि अब जो भी विक्रेता या प्रोसेसर गेहूं का स्टॉक रखेंगे, वे हर शुक्रवार को अपने पास भंडारित गेहूं के स्टॉक का खुलासा करेंगे। यह सूचना केंद्र सरकार के गेहूं स्टॉक लिमिट के लिए तैयार किए गए पोर्टल https://evegoils.nic.in/wsp/loginपर देनी होगी।