Onion Export: सरकार ने किसानों की आय में इजाफ़ा करने के उद्देश्य से प्याज़ के न्यूनतम निर्यात मूल्य (MEP) पर लगे बैन को हटा दिया है। सरकार के इस फ़ैसले से महाराष्ट्र के किसानों को सबसे अधिक फ़ायदा मिलेगा, क्योंकि महाराष्ट्र देश में प्याज उत्पादक में अग्रणी राज्य है। प्याज पर न्यूनतम निर्यात मूल्य 550 डॉलर प्रति टन तय किया गया था।
विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने प्याज निर्यात की न्यूनतम मूल्य सीमा हटाने वाली अधिसूचना में कहा, ‘प्याज के निर्यात (export of onions) पर न्यूनतम निर्यात मूल्य (MEP) की शर्त तत्काल प्रभाव से और अगले आदेश तक हटा दी गई है।’ पिछले कुछ दिनों से लगातार प्याज़ की बढ़ती कीमतों (Rising Onion Price) के बावजूद प्याज पर न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) को हटाने का फैसला लिया गया है।
उपभोक्ता (Consumer) मामलों के विभाग द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, प्याज का अखिल भारतीय औसत मूल्य (Average Price) 50.83 रुपये प्रति किलो था, जबकि मॉडल मूल्य (Model Price) 50 रुपये प्रति किलो है।
35 रुपये किलो मिल रहा है प्याज
Delhi-NCR और मुंबई की आम जनता को राहत देने के लिए के लिए केंद्र सरकार (Central Government) ने 5 सितंबर 2024 से 35 रुपये प्रति किलो की रियायती दर पर प्याज की बिक्री शुरू की। इसका उद्देश्य महंगाई को नियंत्रित (Control Inflation) करना है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, एनसीसीएफ और नेफेड के पास वर्तमान में 4.7 लाख टन प्याज का भंडारण है। इसके अलावा, किसानों और व्यापारियों के पास भी लगभग 38 लाख टन प्याज का स्टॉक है।
उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने कहा कि आने वाले महीनों में प्याज की उपलब्धता और कीमतों का परिदृश्य, सकारात्मक बना हुआ है। खरीफ की बुवाई का रकबा पिछले महीने तक 2.9 लाख हेक्टेयर तक बढ़ गया है, एक साल पहले यह 1.94 लाख हेक्टेयर था। करीब 38 लाख टन प्याज का भंडार अभी किसानों और व्यापारियों के पास होने की रिपोर्ट है।
क्या प्याज के एक्सपोर्ट से बैन हटने से कीमतों में आएगी तेजी?
दिल्ली के खुदरा बाजार में वृत्मान में प्याज का रेट (Onion Price) 60-65 रुपये प्रति किलो के आसपास चल रहा है। बाजार के जानकारों के अनुसार प्याज के निर्यात से बैन हटने के बाद इसके खुदरा मूल्य (Retail Price) में तेजी की उम्मीद नहीं की जा रही। इसका कारण यह है कि सरकार के पास 4.7 लाख टन प्याज का बफर स्टॉक (buffer stock) पड़ा है। यदि क़ीमतों में किसी प्रकार की तेज़ी आएगी तो सरकार इसे ओपन मार्केट में बेचकर क़ीमतों पर लगाम लगायेगी। इसके अलावा आने वाली सीजन में प्याज की फसल की पैदावार बढ़ने की संभावना है जिससे क़ीमतों में तेज़ी नहीं आएगी।