नई दिल्ली, 27 मई। दुनिया भर के बाजारों में जब भी राजनीतिक या आर्थिक तूफान उठता है, उसकी पहली गूंज सोने की कीमतों पर सुनाई देती है। आज भी कुछ ऐसा ही हुआ। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा यूरोप पर भारी टैरिफ लगाने के फैसले को टालने से अंतरराष्ट्रीय बाजारों में हलचल मच गई। इसके असर से सोने की कीमतों में मंगलवार को गिरावट दर्ज की गई।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में गोल्ड -78.90 (-2.34%) गिरकर $3,286.90 प्रति औंस पर कारोबार करता नज़र आ रहा है। जबकि चांदी भी ग्लोबल मार्केट यानी COMEX पर -0.604 (-1.80%) टूटकर $33.005 प्रति औंस पर कारोबार कर रही है।
डॉलर कमजोर लेकिन सोना और भी कमज़ोर
हालांकि डॉलर में लगातार कमजोरी देखी गई, लेकिन इस राहत की उम्मीद पर पानी फिर गया जब अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में थोड़ी स्थिरता लौटी। निवेशकों का भरोसा जोखिमभरी परिसंपत्तियों की ओर मुड़ा और सोने की मांग घटी।
ट्रम्प ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यूरोप पर टैरिफ जुलाई की शुरुआत में लगाए जाएंगे। इस बयान से वैश्विक व्यापार में तुरंत राहत की सांस ली गई और शेयर बाजारों में रौनक लौट आई। लेकिन इस राहत ने पीली धातु की चमक को थोड़ी और कम कर दिया।
घरेलू बाजार में भी सोना चांदी टूटा
Gold Price Today 27 May 2025: इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के मुताबिक, आज यानी 27 मई को सोने की कीमतों में भारी गिरावट दर्ज की गई।
- 24 कैरेट सोना ₹661 घटकर ₹95,152 प्रति 10 ग्राम पर आ गया
- 22 कैरेट सोना ₹606 टूटकर ₹87,159 प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया
- चांदी ₹872 की बड़ी गिरावट के साथ ₹96,525 प्रति किलो पर बंद हुई
धातु | 27 मई का भाव (₹) | 26 मई का भाव (₹) | बदलाव (₹) |
---|---|---|---|
सोना (24K) | 95,152 | 95,813 | -661 |
सोना (23K) | 94,771 | 95,429 | -658 |
सोना (22K) | 87,159 | 87,765 | -606 |
सोना (18K) | 71,364 | 71,860 | -496 |
सोना (14K) | 55,664 | 56,051 | -387 |
चांदी (999) | 96,525 | 97,397 | -872 |
इस गिरावट ने उन खरीदारों के लिए उम्मीद जगाई है जो लंबे समय से कीमतों के स्थिर होने का इंतजार कर रहे थे।
बॉन्ड यील्ड की चाल और फेड की सख्ती
मिनियापोलिस फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष नील काशकरी की हालिया टिप्पणी ने बाजारों की धारणा को और कमजोर किया। उन्होंने चेताया कि टैरिफ से अमेरिकी अर्थव्यवस्था में मुद्रास्फीति का खतरा मंडरा रहा है। हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि निकट भविष्य में ब्याज दरों में कटौती की कोई संभावना नहीं है।
इस रुख ने बॉन्ड यील्ड को थोड़ी स्थिरता दी और निवेशक फिर से बॉन्ड्स की ओर मुड़ने लगे। इसके चलते कीमती धातुओं की कीमतों पर दबाव बना रहा।