Big Relief to Farmers: राजस्थान के किसानों के लिए एक अच्छी खबर आई है। राज्य सरकार ने उनके भण्डारण खर्चों को लेकर बड़ी राहत दी है। अब सामान्य वर्ग के किसानों को जहां 60% तक की छूट मिलेगी, वहीं अनुसूचित जाति और जनजाति (SC/ST) के किसानों को 70% तक छूट का फायदा होगा। सरकारी संस्थानों को भी 10% की रियायत दी गई है।
यह कदम न केवल किसानों की जेब पर बोझ कम करेगा, बल्कि उन्हें अपनी उपज को बेहतर तरीके से संरक्षित करने की सुविधा भी देगा। भण्डारण की कमी से कई बार फसलें खराब हो जाती थीं, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।
राजस्थान राज्य भण्डार व्यवस्था निगम (RSWC) के भण्डारगृहों की उपयोगिता में गिरावट को देखकर निगम प्रबंधन ने इस बार परंपरागत सोच से हटकर नवाचार को अपनाया। किसानों को राहत देने का फैसला उसी सोच का नतीजा है।
निगम की माली हालत में सुधार
वर्ष 2024-25 में निगम की अनुमानित आय 168 करोड़ रुपये बताई गई है, जिसमें 42 करोड़ रुपये का लाभ शामिल है। इस वर्ष निगम की उपयोगिता दर 47 प्रतिशत तक पहुँच चुकी है, जो पिछले वर्षों की तुलना में बेहतर संकेत है।
इसी के साथ 2018-19 से लंबित पड़े संग्रहण शुल्क की वसूली का मामला भी आखिरकार सुलझ गया है। 2 मई को निगम को 1.97 करोड़ रुपये की वसूली प्राप्त हुई, जिससे प्रबंधन की कार्यक्षमता पर भरोसा बढ़ा है।
37 भण्डारगृह, 17.20 लाख मैट्रिक टन की क्षमता
राज्य में फिलहाल RSWC के अंतर्गत 37 भण्डारगृह संचालित हो रहे हैं, जिनकी कुल भण्डारण क्षमता 17.20 लाख मैट्रिक टन है। किसानों की मांग को देखते हुए वर्ष 2024-25 में निगम ने लगभग 60,000 मैट्रिक टन की अतिरिक्त क्षमता वाले गोदामों का निर्माण भी करवाया है।
यह विकास न केवल किसानों के लिए राहत की सांस है, बल्कि यह संकेत भी है कि सरकारी योजनाएं अब जमीनी स्तर तक पहुँच रही हैं।
समर्थन मूल्य पर खरीद
निगम किसानों से समर्थन मूल्य पर फसलें खरीदता है और उन्हें भारतीय खाद्य निगम, नैफेड, राजफैड जैसी संस्थाओं के साथ साझेदारी में वैज्ञानिक तरीके से संग्रहित करता है। यह व्यवस्था खाद्यान्न, बीज, उर्वरक जैसे जरूरी कृषि उत्पादों के नुकसान से बचाव में भी मददगार है।
इसे भी पढ़े – राजस्थान में शुरू हुई ई-पट्टा सुविधा: अब घर बैठे बनेगा प्रॉपर्टी का पट्टा, जानें आवेदन की पूरी प्रक्रिया | Rajasthan e Patta
Advertisement