चंडीगढ़: भाखड़ा नांगल डैम के संचालन में दखल पर पंजाब सरकार को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट से सख्त फटकार मिली है। कोर्ट ने साफ कहा है कि पंजाब पुलिस या राज्य के किसी भी अधिकारी को भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) के कामकाज में हस्तक्षेप “असंवैधानिक” और “अस्वीकार्य” है।
हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस शील नागु और जस्टिस सुमीत गोयल की खंडपीठ ने ये टिप्पणी उस याचिका पर सुनवाई के दौरान दी, जिसमें BBMB ने आरोप लगाया था कि पंजाब पुलिस ने डैम की कार्यप्रणाली पर जबरन नियंत्रण कर लिया था। यह विवाद उस समय शुरू हुआ जब डैम से 8500 क्यूसेक पानी हरियाणा और अन्य राज्यों को छोड़े जाने का आदेश जारी हुआ।
दुश्मन देशों जैसा रवैया न अपनाएं
कोर्ट ने सुनवाई के दौरान बेहद कड़े शब्दों का इस्तेमाल करते हुए पंजाब सरकार की तुलना दुश्मन देशों के साथ किए जाने वाले बर्ताव से की। सुनवाई के दौरान बेंच ने टिप्पणी की, “हम अपने शत्रु देश के साथ ऐसा कर रहे हैं। हमें अपने राज्यों के भीतर ऐसा नहीं करना चाहिए।”
BBMB को पुलिस सुरक्षा की इजाजत, लेकिन दखल नहीं
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यदि सुरक्षा कारणों से पंजाब पुलिस को तैनात किया जाता है तो इसमें कोई आपत्ति नहीं, लेकिन इसका उपयोग संचालन में हस्तक्षेप के लिए नहीं होना चाहिए। आदेश में कहा गया, “अगर BBMB का आरोप सही है, तो पंजाब पुलिस की यह कार्रवाई स्वीकार नहीं की जा सकती।”
जल वितरण योजना का पालन करे पंजाब: कोर्ट
हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को केंद्र सरकार द्वारा 2 मई को हुई उच्चस्तरीय बैठक के फैसलों का पालन करने का निर्देश भी दिया। इस बैठक में हरियाणा और राजस्थान की पानी की तत्काल ज़रूरतों को देखते हुए 4500 क्यूसेक अतिरिक्त पानी छोड़ने का निर्णय लिया गया था।
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि पंजाब को इस निर्णय को लागू करना ही होगा। अगर किसी निर्णय से असहमति है, तो राज्य को BBMB नियमों के तहत केंद्र सरकार के समक्ष विधिवत आपत्ति दर्ज करानी चाहिए — लेकिन अब तक ऐसा कोई कदम पंजाब ने नहीं उठाया है।
“कानूनी रास्ता है, सियासी टकराव क्यों?”
जजों ने यह भी कहा कि जब कानून ने पहले ही विवाद निपटाने का एक स्पष्ट रास्ता प्रदान किया है, तो राज्य सरकार को सीधे हस्तक्षेप करने की जगह उस मार्ग का उपयोग करना चाहिए था। अब भी अगर पंजाब सरकार कोई आपत्ति दर्ज कराना चाहती है, तो केंद्र सरकार को उसे शीघ्रता से निपटाना चाहिए।
केंद्र को मिल सकता है BBMB से सुरक्षाबल तैनाती का प्रस्ताव
सुनवाई के अंत में अदालत ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार यदि आवश्यक समझे तो BBMB की ओर से डैम स्थल पर अर्धसैनिक बलों की तैनाती के प्रस्ताव पर विचार कर सकती है ताकि भविष्य में संचालन में किसी भी प्रकार की बाधा से बचा जा सके।