भारत-पाक सीमा पर तनाव के कारण अस्थायी रूप से रोकी गई छुट्टियों पर अब राजस्थान सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए पाबंदी हटा ली है। इस निर्णय के साथ ही प्रदेशभर के लाखों सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के चेहरे पर राहत की मुस्कान लौट आई है। यह फैसला उन कर्मचारियों के लिए विशेष राहत भरा है, जो पिछले दो महीनों से निजी जरूरतों और पारिवारिक मजबूरियों के बावजूद छुट्टी न ले पाने को लेकर परेशान थे।
क्यों लगाई थी छुट्टियों पर रोक?
8 मई को राजस्थान सरकार ने सीमा सुरक्षा और आपातकालीन तैयारियों को ध्यान में रखते हुए राज्य कर्मचारियों की छुट्टियों पर अस्थायी रोक लगा दी थी। सुरक्षा बलों, आपदा प्रबंधन टीमों और प्रशासनिक अधिकारियों को छुट्टियाँ रद्द करने का निर्देश दिया गया था। इसके पीछे सरकार का तर्क था कि संवेदनशील हालात में इन विभागों की मौजूदगी अहम है। पर इस फैसले ने कर्मचारियों की निजी जिंदगी को झटका दिया—कईयों को बीमार परिवारजनों की देखभाल, शादियाँ या स्वास्थ्य जैसी मजबूरियों के बीच दफ्तर पहुँचना पड़ रहा था।
सरकार ने क्या कहा?
कार्मिक विभाग के संयुक्त सचिव कनिष्क कटारिया ने गुरुवार को नए आदेश में स्पष्ट किया, “हालात में सुधार और प्रशासनिक स्थिरता को देखते हुए छुट्टियों की प्रक्रिया फिर से शुरू की जा रही है।” सरकार ने माना कि कर्मचारियों के मानवीय पहलुओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। हालाँकि, यह भी साफ किया गया कि किसी नए संकट की स्थिति में नीति फिर से लागू हो सकती है।

एक कर्मचारी ने कहा, “हमारे जीवन में न सिर्फ सरकारी ज़िम्मेदारियाँ होती हैं, बल्कि परिवार भी होता है। छुट्टियों की बहाली ने हमें दोनों के बीच संतुलन बनाने का मौका दिया है।”