New Aadhar App: एयरपोर्ट पर बोर्डिंग के लिए आधार कार्ड ढूंढने की जद्दोजहद या होटल चेक-इन में फोटोकॉपी की बार-बार मांग से छुटकारा। मोदी सरकार ने इसे हकीकत बनाने के लिए एक नया Aadhaar Authentication App पेश किया है। केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक्स (ट्विटर) पर इस ऐप के डेमो वीडियो के साथ बताया कि यह UPI जितना सरल और सुरक्षित होगा। अब आपकी पहचान साबित करने के लिए सिर्फ एक सेल्फी और QR कोड स्कैन काफी है!
क्या है यह नया ऐप?
इस ऐप की खासियत है इसकी “क्लिक एंड गो” सुविधा। मान लीजिए आप किसी होटल में चेक-इन कर रहे हैं। वहां मौजूद QR कोड को ऐप से स्कैन करते ही आपका फेस ऑथेंटिकेशन शुरू हो जाएगा। ऐप UIDAI के डेटाबेस से आपकी फोटो और जानकारी मिलान करेगा। हैरानी की बात यह है कि आपको अपना पूरा आधार नंबर या पता शेयर करने की जरूरत नहीं। जैसे, बैंक में खाता खोलते समय सिर्फ नाम और फोटो वेरिफाई होगी, बाकी डेटा गोपनीय रहेगा।
सरकार के अनुसार, यह तकनीक GDPR (यूरोपीय डेटा संरक्षण कानून) जैसे वैश्विक मानकों को ध्यान में रखकर बनाई गई है। साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ डॉ. अनुराधा शर्मा कहती हैं, “कंसेट-बेस्ड डेटा शेयरिंग और बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन धोखाधड़ी को 60% तक कम कर सकते हैं।”
कैसे करेगा काम?
- QR कोड स्कैन करें: सबसे पहले जिस जगह आपकी पहचान चाहिए वहां एक QR कोड होगा।
- फेस स्कैन करें: ऐप कैमरा खोलकर आपकी सेल्फी लेगा और UIDAI के डेटा से मिलान करेगा।
- जरूरी जानकारी शेयर होगी: सिर्फ वही डिटेल्स शेयर होंगी जो उस खास वेरिफिकेशन के लिए जरूरी हैं।
आम आदमी के लिए क्या बदलाव लाएगा यह ऐप?
इस ऐप का सबसे बड़ा फायदा है “डेटा का सीमित उपयोग”। अभी तक आधार कार्ड की फोटोकॉपी देने पर सारी जानकारी एक्सपोज हो जाती थी। नए सिस्टम में, होटल को केवल यह पुष्टि मिलेगी कि आप वही हैं जो आधार में दर्ज हैं। पता या जन्मतिथि जैसी डिटेल्स शेयर नहीं होंगी।
सरकारी आंकड़े बताते हैं कि 2022 में आधार डेटा के 8,000 से ज्यादा दुरुपयोग के मामले सामने आए। नए ऐप से ऐसी घटनाओं में कमी आने की उम्मीद है। वहीं, UIDAI के अनुसार, फेस ऑथेंटिकेशन की सफलता दर 98.7% है, जो इसे अब तक का सबसे विश्वसनीय तरीका बनाती है।
किन बातों का रखें ध्यान?
हालांकि यह ऐप डिजिटल इंडिया के लिए एक बड़ी छलांग है, लेकिन कुछ सावधानियां जरूरी हैं। अभी यह बीटा टेस्टिंग में है और आधिकारिक Google Play Store पर उपलब्ध नहीं। सरकार ने चेतावनी दी है कि फर्जी ऐप्स या लिंक्स के जाल में न फंसें। ऐप डाउनलोड करते समय UIDAI की वेबसाइट या ऑफिशियल सोर्स को ही प्राथमिकता दें।
ग्रामीण इलाकों में जहां नेटवर्क कमजोर है, वहां यूजर्स को दिक्कत हो सकती है। इसके अलावा, बुजुर्गों या दिव्यांगों के लिए फेस स्कैन करने में परेशानी हो सकती है। सरकार ने हालांकि आश्वासन दिया है कि बीटा टेस्टिंग के बाद इन मुद्दों पर काम किया जाएगा।
डिजिटल भारत की दिशा में एक और कदम
यह ऐप न सिर्फ आम नागरिकों की जिंदगी आसान बनाएगा, बल्कि सरकारी सेवाओं की पहुंच को भी तेज करेगा। अश्विनी वैष्णव के मुताबिक, यह पहल “मेक इन इंडिया” और “डिजिटल सुरक्षा” को एक साथ लाने वाली है। आने वाले समय में इस ऐप को ऑफलाइन मोड और मल्टी-लैंग्वेज सपोर्ट के साथ अपग्रेड किया जाएगा।