July LPG Price Cut: जुलाई की शुरुआत उन लाखों छोटे व्यापारियों और होटलों के लिए सुकून भरी खबर लेकर आई है, जो हर महीने बढ़ते एलपीजी के खर्च से जूझते हैं। तेल विपणन कंपनियों (OMCs) ने जुलाई में कमर्शियल (Commercial) एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में 58.50 रुपये तक की कटौती कर दी है। यह राहत लगातार चौथे महीने मिली है, जो देशभर के व्यावसायिक उपभोक्ताओं के लिए राहत देने वाली है ।
देश के चारों महानगरों में कीमतों में कटौती
नई दरों के अनुसार, दिल्ली में अब 19 किलो का कमर्शियल सिलेंडर 1665 रुपये में मिलेगा, जो पहले के मुकाबले 58.5 रुपये सस्ता हो गया है। मुंबई में यह कीमत 58 रुपये की गिरावट के साथ 1616.50 रुपये हो गई है। वहीं कोलकाता और चेन्नई में भी क्रमशः 57 और 57.5 रुपये की कटौती हुई है। अब कोलकाता में इस सिलेंडर की कीमत 1769 रुपये और चेन्नई में 1823.50 रुपये है।
July LPG Price Cut (Applicable from July 1st, 2025)
IOCL की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक देश के प्रमुख चार महानगरों में आज से कमर्शियल सिलेंडर के दाम इस प्रकार है…
शहर | 1st जुलाई 2025 | 1st जून 2025 | बदलाव |
---|---|---|---|
दिल्ली | 1665 | 1723.50 | 58.50 सस्ता |
कोलकाता | 1769 | 1826.00 | 57 सस्ता |
मुंबई | 1616.50 | 1674.50 | 58 सस्ता |
चेन्नई | 1823.50 | 1881.00 | 57.50 सस्ता |
घरेलू सिलेंडर की कीमतें जस की तस
जहां कमर्शियल सिलेंडरों के उपभोक्ताओं को राहत मिली है, वहीं आम रसोई घरेलू उपभोक्ताओं को फिलहाल कोई बदलाव देखने को नहीं मिला है। घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमतें अप्रैल से अब तक स्थिर बनी हुई हैं।
- इस समय दिल्ली में घरेलू रसोई गैस सिलेंडर 853 रुपये
- कोलकाता में यह 879 रुपये
- मुंबई में 852.50 रुपये और
- चेन्नई में 868.50 रुपये में मिल रहा है।
हर महीने बदलती हैं कीमतें
हर महीने की पहली तारीख़ को तेल कंपनियों द्वारा वैश्विक बाज़ार की स्थितियों, कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों, और भारतीय मुद्रा में हुए बदलाव के आधार पर कीमतों की समीक्षा कर संशोधन किया जाता हैं।
कमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमतों में हुई यह कटौती होटल, ढाबा, रेस्टोरेंट्स और अन्य छोटे कारोबारियों के लिए लागत में थोड़ी राहत जरूर लाएगी। ऐसे समय में जब महंगाई की मार आम व्यापारियों को लगातार दबाव में रखे हुए है, यह मामूली राहत भी राहत महसूस कराती है।
तेल कंपनियों की रणनीति और अंतरराष्ट्रीय बाजार की चालों को देखते हुए यह कहना जल्दबाज़ी होगी कि यह राहत कितने समय तक टिकेगी। लेकिन लगातार चौथे महीने कटौती यह संकेत जरूर देती है कि फिलहाल कीमतों को लेकर कंपनियां नियंत्रण बनाए रखने की कोशिश कर रही हैं।
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