उदयपुर। देश के सम्मान के आगे व्यापारिक फायदों को तवज्जो नहीं! भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर तुर्की के पाक-समर्थक (Türkiye’s support to Pakistan) रुख के खिलाफ राजस्थान की उदयपुर मार्बल मंडी (Udaipur Marble Market) ने ऐतिहासिक फैसला लिया है। एशिया की सबसे बड़ी मार्बल ट्रेड हब ने तुर्की से सभी व्यापारिक संबंध (Trade Relations) तोड़ने का ऐलान किया है, जिससे हर साल 5,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का कारोबार प्रभावित होगा।
देश हमारी पहली प्राथमिकता
उदयपुर मार्बल प्रोसेसर्स समिति के अध्यक्ष कपिल सुराणा ने मीडिया से खास बातचीत में कहा, “हमारे लिए मुनाफा नहीं, मातृभूमि का सम्मान सर्वोपरि है। तुर्की ने पाकिस्तान का समर्थन कर भारत के खिलाफ जो रुख अपनाया, उसका जवाब यही है।” उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजे पत्र में समिति ने साफ किया है—”सरकार का हर कदम हमारा कदम होगा।”

आंकड़ों में समझें बड़ा फैसला
- भारत हर साल तुर्की से 14 लाख टन मार्बल आयात करता है।
- उदयपुर अकेले 50 से ज्यादा बड़े व्यापारियों के जरिए 5,000 करोड़ रुपये का मार्बल प्रोसेस करता है।
- समिति के महासचिव हितेश पटेल के मुताबिक, “इस फैसले से हजारों टन का आयात रुकेगा, लेकिन राष्ट्रहित में यह त्याग जरूरी था।”
क्यों उठाया यह कदम?
जानकारों का मानना है कि तुर्की द्वारा पाकिस्तान को मिल रहे समर्थन के बीच यह फैसला केवल आर्थिक नहीं, बल्कि एक ‘स्ट्रैटेजिक मैसेज’ है। उदयपुर के व्यापारी समुदाय ने स्वेच्छा से यह बहिष्कार शुरू किया है, जो देशभर में राष्ट्रवादी एकजुटता की मिसाल बन गया है।
अगला कदम?
समिति ने स्पष्ट किया है कि तुर्की के अलावा अगर किसी अन्य देश ने भारत विरोधी रुख अपनाया, तो उसके खिलाफ भी ऐसे ही सख्त कदम उठाए जाएंगे। फिलहाल, स्थानीय मार्बल उद्योग को नुकसान की आशंका के बावजूद व्यापारी मानते हैं कि “देश के गौरव के आगे कोई कीमत नहीं।”