नई दिल्ली। देश की आर्थिक नब्ज को थामे हुए रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने एक बार फिर आम जनता के हित में बड़ा कदम उठाया है। RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा की अगुवाई में हुई मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की बैठक में लगातार तीसरी बार Repo Rate में कटौती का ऐलान किया गया है। इस फैसले से न सिर्फ Banking Sector में मजबूती देखने को मिली, बल्कि आम आदमी की जेब में भी राहत की उम्मीद जगी है।
आरबीआई द्वारा आज की गई 50 bps की कटौती के बाद Repo Rate घटकर अब 5.50% पर आ गई है। यानी आपकी EMI अब सस्ती होने वाली है। यह वो खबर है जिसका इंतज़ार लाखों होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन लेने वाले बेसब्री से इंतज़ार कर रहे थे।
Repo Rate में लगातार तीसरी बार कटौती की
आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा के नेतृत्व में यह तीसरी सीधी कटौती है, और इस बार 0.50% की कमी ने बाज़ार और आम लोगों दोनों को चौंका दिया। जहां अधिकतर विशेषज्ञ 0.25% की कटौती की उम्मीद कर रहे थे, वहीं आरबीआई ने इससे दोगुनी राहत दी।
यह बदलाव अब रेपो रेट को 6% से घटाकर 5.50% पर ले आया है। याद दिला दें, रेपो रेट वह दर है जिस पर आरबीआई, देश के वाणिज्यिक बैंकों को कर्ज देता है। जब यह दर घटती है, तो बैंकों को सस्ता कर्ज मिलता है और वे भी ग्राहकों को कम ब्याज दरों पर लोन देने लगते हैं।
आपकी EMI होगी कम
इस कटौती का सीधा-सीधा फायदा आम जनता को होगा। यदि आपके पास पहले से कोई Home Loan या Car Loan है, तो उसकी EMI अब कम हो जाएगी। साथ ही, जो लोग नया लोन लेने की योजना बना रहे हैं, उन्हें भी कम ब्याज पर लोन मिल सकेगा।
लेकिन इससे FD यानी फिक्स्ड डिपॉजिट पर मिलने वाला ब्याज भी अब कम हो सकता है। ऐसे में FD में निवेश करने वाले निवेशकों को अपनी निवेश रणनीति पर दोबारा विचार करना पड़ सकता है।
वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच भारत की मजबूती
संजय मल्होत्रा ने बैठक के दौरान यह भी स्पष्ट किया कि ग्लोबल मार्केट में अस्थिरता अब भी बनी हुई है। अमेरिका, चीन और यूरोपीय बाजारों में जारी मंदी की आशंका के बीच भारत की अर्थव्यवस्था एक मजबूत स्थिति में खड़ी है।
गवर्नर का कहना है कि “निवेशकों के लिए भारत में संभावनाओं की कमी नहीं है। हमें आत्मनिर्भर होते हुए वैश्विक अस्थिरताओं को अवसर में बदलने की रणनीति पर काम करना होगा।”
2025 में अब तक कितनी बार घटा है रेपो रेट?
इस साल अब तक तीन बार रेपो रेट में कटौती की जा चुकी है:
- फरवरी 2025: 0.25% की कटौती
- अप्रैल 2025: फिर से 0.25% की कटौती, रेपो रेट घटकर 6%
- जून 2025: 0.50% की बड़ी कटौती, अब रेपो रेट 5.5% पर
ऐसे में यह साफ है कि आरबीआई देश की आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए गंभीर है। खासतौर पर जब सरकार विकास दर में तेजी चाहती है, तो केंद्रीय बैंक की ऐसी नीतियां लोगों को खर्च करने और निवेश करने के लिए प्रेरित करती हैं।
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