सीकर : खरीफ सीजन 2023 में प्रकृति के कहर से बर्बाद हुई फसलों का बीमा मुआवजा (Crop Insurance Compensation) आखिरकार किसानों के बैंक खातों में पहुंच गया है। जिले के कुल 16,327 किसानों के खातों में 7 करोड़ 62 लाख रुपए की मुआवजा राशि ट्रांसफर की गई है। यह रकम प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत भेजी गई है।
दोस्तों, सोचिए! बारिश, ओलावृष्टि और कीटों के प्रकोप से जब फसलें बर्बाद (Crop Damage) हो जाती हैं, तो किसान की क्या हालत होती होगी? उनका दावा तो समय पर लगा था, लेकिन तकनीकी जांच और डेटा सत्यापन में हुई देरी ने इस भुगतान को अटका दिया था। लंबे इंतज़ार के बाद अब जाकर आखिरकार किसानों को राहत (Farmer Relief) की सांस मिली है।
प्राकृतिक आपदा से बर्बाद हुई थी फसलें
खरीफ (Kharif Season) 2023 के दौरान सीकर जिले के कई इलाकों में अनियमित बारिश, ओलावृष्टि और कीट प्रकोप ने भारी नुकसान पहुंचाया था। किसानों ने नियमानुसार समय पर बीमा दावा प्रस्तुत किया, लेकिन तकनीकी प्रक्रिया, जियो टैगिंग और डेटा सत्यापन में आई देरी के कारण मुआवजे की राशि अटक गई थी।
अब स्थिति यह है कि कृषि विभाग और बीमा कंपनी की साझा रिपोर्ट के बाद भुगतान को हरी झंडी मिल गई है। जिले के लिए फसल बीमा की ज़िम्मेदारी एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड (AIC – Agriculture Insurance Company of India Ltd.) को सौंपी गई थी, जिसने यह भुगतान जारी किया है।
कर्ज से राहत
मुआवजा राशि का समय पर मिलना किसानों के लिए इसलिए भी महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि खरीफ सीजन में फसल नष्ट होने के बाद कई किसान बैंकों और आढ़तियों से लिया कर्ज चुका पाते है । जिससे किसान अब इस भुगतान से वे न केवल कर्जमुक्त हो सकेंगे, बल्कि आगामी बुवाई के लिए आत्मनिर्भर होकर आगे बढ़ सकेंगे।
एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी के जिला प्रबंधक नितेश गढ़वाल के अनुसार, मुआवजा राशि किसानों को दोहरी राहत दे रही है । एक आर्थिक और दूसरी मानसिक।
किस तहसील को कितना मिला मुआवजा
मुआवजे की राशि तहसीलवार इस प्रकार है:
- सीकर ग्रामीण – ₹167 लाख
- लक्ष्मणगढ़ – ₹135 लाख
- दांतारामगढ़ – ₹118 लाख
- फतेहपुर – ₹96 लाख
- रामगढ़ शेखावाटी – ₹89 लाख
- धोद – ₹78 लाख
- खंडेला – ₹63 लाख
- नेछवा – ₹44 लाख
- श्रीमाधोपुर – ₹4 लाख
- सीकर शहर – ₹1 लाख
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