Gold Silver Price Today in Hindi: आज सुबह इज़राइल और ईरान के बीच जारी तनाव पर जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने युद्धविराम की घोषणा की, तो वैश्विक स्तर पर राहत की सांस ली गई। लेकिन इस सुकून ने सोने की मांग को बुरी तरह झटका दिया। पारंपरिक रूप से संकट के समय ‘सेफ हेवन’ माने जाने वाले सोने से निवेशकों ने दूरी बना ली । जिसके चलते आज सोने व चांदी की कीमतों में भारी गिरावट देखने को मिली।
अमेरिकी बाज़ार में गोल्ड फ्यूचर्स दो हफ्तों के निचले स्तर पर
Comex पर गोल्ड फ्यूचर्स में करीब 1.66% की गिरावट आई और यह $3,338.81 प्रति औंस पर पहुंच गया। यह 11 जून के बाद की सबसे कम कीमत है। वहीं दूसरी ओर अमेरिकी शेयर बाज़ार में तेजी देखी गई, जिससे साफ है कि निवेशकों का भरोसा फिलहाल आर्थिक स्थिरता की ओर लौट रहा है।
भारत में भी दिखा असर: कीमतों में भारी गिरावट
ट्रंप की सीजफायर घोषणा के बाद भारतीय बाज़ार में भी कीमतों में बड़ी गिरावट देखने को मिली। इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) के आंकड़ों के मुताबिक:
- 24 कैरेट सोना ₹2,085 गिरकर ₹97,263 प्रति 10 ग्राम पर आ गया, जो इससे पहले कल ₹99,348 था।
- चांदी ₹1,165 टूटकर ₹1,05,898 प्रति किलो हो गई, जो कल शाम को ₹1,07,063 बंद हुई थी।
Aaj Ka Sone ka Bhav (24 June 2025)
धातु | 24 जून का भाव (₹/10 ग्राम) | 23 जून का भाव (₹/10 ग्राम) | बदलाव (₹) |
24K सोना | ₹97,263 | ₹99,348 | ₹2,085 गिरावट |
23K सोना | ₹96,874 | ₹98,950 | ₹2,076 गिरावट |
22K सोना | ₹89,093 | ₹91,001 | ₹1,908 गिरावट |
18K सोना | ₹72,947 | ₹74,511 | ₹1,564 गिरावट |
14K सोना | ₹56,899 | ₹58,119 | ₹1,220 गिरावट |
999 चांदी (₹/किलोग्राम) | ₹1,05,967 | ₹1,07,063 | ₹1,096 गिरावट |
Source- IBJA (उपरोक्त दाम GST और मेकिंग चार्ज के पहले के है)
जानकारी के लिए आपको बता दे कि 18 जून को सोने और चांदी ने ऑल टाइम हाई छूआ था। उस दौरान सोने की कीमतें ₹99,454 और चांदी ₹1,09,550 पर पहुंच गई थी ।
चार प्रमुख शहरों में आज सोने की कीमतें
- दिल्ली: 24 कैरेट ₹1,00,020 | 22 कैरेट ₹91,700
- मुंबई: 24 कैरेट ₹99,870 | 22 कैरेट ₹91,550
- कोलकाता: 24 कैरेट ₹99,870 | 22 कैरेट ₹91,550
- चेन्नई: 24 कैरेट ₹99,870 | 22 कैरेट ₹91,550
निवेशकों का बदला मूड
Tastylive के ग्लोबल मैक्रो प्रमुख इलिया स्पीवाक का कहना है, “जब तनाव कम होता है, तो निवेशक रिस्क लेने को तैयार हो जाते हैं और सोने जैसी सेफ इन्वेस्टमेंट्स से हटते हैं।” यही वजह है कि तेल की कीमतें भी गिरकर एक हफ्ते के निचले स्तर पर आ गई हैं। हालांकि ईरान ने साफ किया है कि अगर इज़राइल हमले बंद नहीं करता, तो सीजफायर का कोई मतलब नहीं होगा।
फेडरल रिज़र्व की नीति और ब्याज दरों पर उम्मीदें
अब सबकी निगाहें अमेरिकी फेडरल रिज़र्व पर टिकी हैं। उपाध्यक्ष मिशेल बाउमन ने संकेत दिया है कि यदि जॉब मार्केट पर दबाव बना रहा, तो ब्याज दरों में कटौती (Federal Reserve Rate) संभव है। यदि ऐसा हुआ, तो सोने को फिर सहारा मिल सकता है क्योंकि कम ब्याज दरें नॉन-इंटरेस्ट प्रोडक्ट्स, जैसे सोना, को आकर्षक बनाती हैं।
2025 में अब तक 30% की तेजी
Emkay Global की रिया सिंह के अनुसार, “2025 में अब तक सोने में तक़रीबन 30% की बढ़त दर्ज हो चुकी है। हालांकि जून में आभूषणों की मांग थोड़ी धीमी रही, फिर भी घरेलू बाज़ार में करीब 4% की वृद्धि दर्ज की गई है।”
केंद्रीय बैंकों की खरीद और वैश्विक संकेत
भारत सहित कई देशों के केंद्रीय बैंक अमेरिकी डॉलर के जोखिम से बचने के लिए सोने का स्टॉक बढ़ा रहे हैं। MMTC-PAMP के सीईओ समित गुहा ने कहा, “रूस पर लगे प्रतिबंधों ने दिखाया है कि विदेशी मुद्रा भंडार कितने असुरक्षित हो सकते हैं। ऐसे में सोना एक सीमाहीन और स्थायी संपत्ति के रूप में उभरा है।”
ETF और आयात डेटा का क्या कहता है संकेत
- मई में गोल्ड ETF में ₹290 करोड़ का निवेश हुआ, और AUM 97% की सालाना बढ़त के साथ ₹62,400 करोड़ पर पहुंच गया।
- इसी दौरान, भारत में सोने का आयात 13% गिरकर $2.5 बिलियन पर आ गया – संकेत है कि ऊंची कीमतों पर उपभोक्ता सतर्कता बरत रहे हैं।
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