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चना भाव में गिरावट! क्या शादियों का सीजन बचा पायेगा गिरती कीमतों को ? देखें साप्ताहिक तेजी मंदी की पूरी रिपोर्ट

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Gram Price: किसान भाइयों और व्यापारियों को पिछले हफ़्ते चना और काबुली चने की कीमतों में आई गिरावट ने चिंता में डाल दिया हैं। यदि आप भी किसान या चना व्यापारी है तो यह खबर आपके लिए बेहद खास है। यहां हम आज चना बाजार भाव का साप्ताहिक विश्लेषण करने जा रहे है, जिसमें बाजार के रुझान, मांग और आने वाले दिनों में कैसी रह सकती है चाल इसे समझने की कोशिश करेंगे ।

चना बाजार साप्ताहिक रिपोर्ट

बीते सप्ताह सोमवार को दिल्ली-राजस्थान लाइन के चना ने सप्ताह की शुरुआत 5825/50 रुपये प्रति क्विंटल के भाव से की, लेकिन शनिवार तक यह 5775/5800 रुपये पर बंद हुआ। यानी, सप्ताहभर में 50 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट रही । विशेषज्ञों के अनुसार, चना दाल और बेसन की मांग में आई कमी इसका प्रमुख कारण रही।

दिलचस्प बात यह है कि पिछले कुछ समय से चना में जारी तेजी के बावजूद, स्टॉकिस्टों की खरीदारी में आई कमजोरी ने बाजार को नीचे धकेल दिया। मिलर्स ने पहले की तेजी के दौरान भारी मात्रा में चना खरीदा था, लेकिन अब दाल की मांग न बढ़ने से उनके पास स्टॉक जमा है। इस वजह से नई खरीदारी धीमी पड़ गई है।

किसानों की उम्मीद और बाजार की हकीकत

चना के दाम गिरे जरूर, लेकिन किसान अभी भी कम भाव पर बिक्री करने से हिचक रहे हैं। कृषि बाजार विश्लेषकों का मानना है कि स्टॉकिस्टों की खरीदारी पर किसानों की निर्भरता बढ़ी है। उन्हें उम्मीद है कि आने वाले दिनों में स्टॉकिस्ट सक्रिय होंगे और भाव सुधरेंगे।

हालांकि, बड़ी कंपनियों की ओर से खरीदारी की गति अभी भी सुस्त है। ई मंडी रेट्स वेबसाइट के अनुसार, अगले सप्ताह स्टॉकिस्टों की गतिविधियों पर नजर रखना महत्वपूर्ण होगा। अगर उनकी खरीदारी बढ़ती है, तो चना के भावों में गिरावट रुक सकती है।

चना के दाम 100-50 कम ज्यादा की रेंज में व्यापार करने की संभावना अधिक है, भाव में यदि ज्यादा करेक्शन आता है। तो बिकवाली कमजोर पड़ेगी, जबकि सामने शादियों का सीजन है जो चना और चना दाल के मांग को सपोर्ट दे सकती है।

काबुली चना में निर्यात मांग ठप, आवक बढ़ी

इंदौर की मंडियों में काबुली चना का सप्ताह 12000 रुपये से शुरू हुआ, लेकिन शनिवार को यह 11800 रुपये पर बंद हुआ। 200-300 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट का कारण निमाड़ और मालवा क्षेत्र से आवक बढ़ना और निर्यात मांग में गिरावट रही।

विदेशी बाजारों में मांग कमजोर होने का असर साफ दिखा। इंदौर के निर्यातकों ने बताया कि अमेरिका के साथ चल रहे वैश्विक व्यापार तनाव और डॉलर की अस्थिरता ने आयातकों को सतर्क कर दिया है। इसके चलते, काबुली चना की खरीदारी में अनिश्चितता बनी हुई है।

चने के सपोर्ट और रेजिस्टेंस पर रखें नजर

चना के लिए सुझाव:
यदि आपके पास चना का स्टॉक है, तो दिल्ली-राजस्थान लाइन के 5700 रुपये के सपोर्ट को निगाह रखें । विशेषज्ञों का मानना है कि अगर चना 5950 रुपये के रेजिस्टेंस को तोड़ देता है, तो भावों में मजबूती आ सकती है। नई खरीदारी के लिए अगले सप्ताह के बाजार रुझान का इंतजार करना समझदारी होगी।

काबुली चना का आउटलुक:
42-44 काउंट वाली काबुली चना का भाव 11000 रुपये के सपोर्ट के ऊपर बना हुआ है। इस स्तर के टूटने पर गिरावट की आशंका है, लेकिन 12000 रुपये का रेजिस्टेंस टूटते ही बाजार में तेजी लौट सकती है। शॉर्ट-टर्म ट्रेडर्स को 1-2 सप्ताह इंतजार करने की सलाह दी जा रही है।

चना और काबुली चना बाजार इस समय “वेट एंड वॉच” के मूड में है। एक ओर शादियों का सीजन मांग बढ़ाने की उम्मीद जगाता है, तो दूसरी ओर स्टॉकिस्टों और निर्यातकों की अनिश्चितता चिंता का कारण बनी हुई है। कृषि बाजार विशेषज्ञों की सलाह है कि बाजार के संकेतों को गंभीरता से लें और भावों के तकनीकी स्तरों (सपोर्ट/रेजिस्टेंस) पर नजर बनाए रखें।

डिस्क्लेमर : चना बाजार भाव का ये विश्लेषण हमने ताजा रुझानों और विशेषज्ञों की राय के आधार पर तैयार किया है। ये हमारा निजी विश्लेषण है। हमारा मकसद है कि आपको सही समय पर सही जानकारी मिले, ताकि आप अपने नुकसान को कम कर सकें और व्यापार में लाभ उठा सकें। किसी भी प्रकार का व्यापार अपने ख़ुद के विवेक से ही करें, किसी भी प्रकार के नफे या नुकसान की हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं होगी। धन्यवाद

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