Cheque Usage Tips: डिजिटल पेमेंट्स का ज़माना है, लेकिन भारत में आज भी बड़े लेन-देन की ‘भरोसेमंद साथी’ बनी हुई है चेकबुक। बैंकों के आंकड़े बताते हैं कि 2023 में भी 45% कॉर्पोरेट लेनदेन और 30% व्यक्तिगत भुगतान चेक के ज़रिए हुए। मगर यही चेक, अगर लापरवाही से भर दिया जाए, तो आपकी ज़िंदगी का ‘चेकमेट’ बन सकता है। कैसे? जानिए वो 7 गोल्डन रूल्स जो आपको बचाएंगे वित्तीय धोखाधड़ी और कानूनी झंझटों से।
एक चूक, भारी नुकसान
चेक कोई साधारण कागज़ नहीं, बल्कि एक फाइनेंशियल दस्तावेज़ होता है, जिसके ज़रिए आपके खाते से पैसे निकाले जा सकते हैं। इस पर आपकी एक साइन बहुत कुछ तय करती है। ऐसे में अगर आपने बिना सोचे समझे, गलत नाम या गलत तारीख डाल दी, तो बैंक न सिर्फ उसे रिजेक्ट कर सकता है, बल्कि इससे आपका वित्तीय रिकॉर्ड भी प्रभावित हो सकता है।
इन बातों को कभी न करें नजरअंदाज
1. सही तारीख, सही दिशा:
चेक पर तारीख उसी दिन की होनी चाहिए जिस दिन आप उसे जारी कर रहे हैं। गलत तारीख डालने से चेक न केवल रिजेक्ट (Check Rejected) हो सकता है, बल्कि आपके अकाउंटिंग रिकॉर्ड भी गड़बड़ा सकते हैं।
2. स्थायी स्याही का इस्तेमाल करें:
नॉर्मल पेन की बजाय परमानेंट इंक का इस्तेमाल करने में है समझदारी । कोशिश करें कि चेक भरते समय परमानेंट इंक वाला पेन ही इस्तेमाल करें ताकि कोई उसमें कटिंग या हेरफेर न कर सके।
3. सिग्नेचर में लापरवाही न करें:
बैंक में दर्ज आपके सिग्नेचर (Signature) से मेल नहीं खाने पर चेक रद्द हो सकता है। कई बार लोग अलग-अलग सिग्नेचर करने की गलती कर बैठते हैं, जो बैंकिंग सिस्टम में भ्रम पैदा करता है। बता दें कि “चेक बाउंस होने पर न केवल 10,000 रुपये तक जुर्माना, बल्कि 2 साल तक की जेल भी हो सकती है।”
4. खाली जगह को न छोड़ें खुला:
नाम और राशि के बीच ज्यादा जगह न छोड़ें। इससे छेड़छाड़ की संभावना बढ़ जाती है। साथ ही, जो राशि शब्दों में लिखी गई है, वह अंकों से भी मेल खानी चाहिए। उदाहरण के लिए अगर 50,000 रुपये लिख रहे हैं, तो ‘रु. 50,000/-‘ और ‘Fifty Thousand Only’ के बीच कोई गैप न हो। एक क्लाइंट ने स्पेस छोड़ दिया, और धोखेबाज़ों ने ‘5’ को ’50’ बना दिया!”
5. खाता खाली तो मुश्किल पक्की:
अगर आपके खाते में पर्याप्त बैलेंस नहीं है और आपने चेक जारी कर दिया है, तो यह न केवल शर्मिंदगी बल्कि कानूनी कार्रवाई की वजह भी बन सकता है। चेक बाउंस (Cheque Bounce) को भारतीय कानून में अपराध माना गया है।
6. खाली चेक देना मतलब आफत बुलाना:
कभी भी किसी को पहले से साइन किया हुआ खाली चेक न दें — चाहे वह आपका करीबी ही क्यों न हो। वक्त बदलते देर नहीं लगती और भरोसा टूटते भी नहीं।
7. हर चेक का रिकॉर्ड रखें:
किसे चेक दिया, कितनी राशि थी, चेक नंबर क्या था — इन सबका एक डायरी में रिकॉर्ड ज़रूर रखें। जरूरत पड़ने पर यही जानकारी आपको अनचाही परेशानी से बचा सकती है।
चेक जारी करते समय ध्यान रखने योग्य चेकलिस्ट (Cheque Usage Tips)
क्रमांक | चेकलिस्ट बिंदु | क्यों ज़रूरी है? |
---|---|---|
1. | सही तारीख डालें | गलत तारीख से चेक रिजेक्ट हो सकता है |
2. | परमानेंट इंक से ही लिखें | छेड़छाड़ की संभावना कम होती है |
3. | बैंक में दर्ज सिग्नेचर का ही प्रयोग करें | गलत साइन से चेक अमान्य हो सकता है |
4. | नाम और राशि के बीच अधिक स्पेस न छोड़ें | फर्जीवाड़े की आशंका घटती है |
5. | राशि शब्दों और अंकों में मेल खानी चाहिए | असमानता से बैंक चेक अस्वीकार कर सकता है |
6. | खाते में पर्याप्त बैलेंस सुनिश्चित करें | चेक बाउंस होने पर जुर्माना और केस हो सकता है |
7. | साइन किया हुआ खाली चेक कभी न दें | कोई भी मनमानी राशि भर सकता है |
8. | हर चेक की डिटेल्स अपने पास नोट करें | ज़रूरत पड़ने पर ट्रैकिंग और कैंसिलेशन में मदद मिलती है |
ये भी पढ़े – RBI Repo Rate Cut: ब्याज दर में बड़ी कटौती के संकेत, कर्जदारों को मिल सकती है बड़ी राहत, जानें पूरी डिटेल्स