जयपुर ! राजस्थान की सियासत में इस समय जनकल्याण का एक नया अध्याय रचा जा रहा है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने रविवार को सीएम आवास पर एक महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता करते हुए पंडित दीनदयाल उपाध्याय अन्त्योदय सम्बल पखवाड़े की रूपरेखा को अंतिम रूप दिया। यह पखवाड़ा 24 जून से 9 जुलाई तक पूरे राज्य में मनाया जाएगा – जिसका मुख्य उद्देश्य है अंतिम व्यक्ति तक राहत और विकास पहुंचाना। बैठक में मुख्य सचिव सुधांश पंत समेत विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
“हर घर खुशहाली” का सपना अब योजना की शक्ल में
Pandit Deen Dayal Upadhyaya Poverty Free Village Scheme: मुख्यमंत्री ने बैठक में स्पष्ट किया कि राजस्थान सरकार केवल वादों की राजनीति नहीं कर रही, बल्कि जमीनी बदलाव के लिए ठोस कदम उठा रही है। इसी क्रम में ‘पंडित दीनदयाल उपाध्याय गरीबी मुक्त गांव योजना’ की शुरुआत की गई है। इसका पहला चरण 5,000 गांवों को गरीबी से मुक्त करने के लक्ष्य के साथ शुरू होगा, जहां BPL परिवारों को प्राथमिकता देकर उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाने की कोशिश की जाएगी।
इस योजना के अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना जैसे कल्याणकारी कार्यक्रमों को समाहित किया जाएगा, ताकि हर घर को बेहतर जीवन स्तर, सम्मानजनक आवास और बुनियादी सुविधाएं मिल सकें। मुख्यमंत्री का स्पष्ट संदेश था — “जब तक अंतिम व्यक्ति सशक्त नहीं होगा, विकास अधूरा रहेगा।”
“वंदे गंगा” से जन-भागीदारी
राज्य सरकार की सतत विकास के प्रति प्रतिबद्धता केवल कागज़ी नहीं है। 5 जून से प्रारम्भ हुआ ‘वंदे गंगा’ जल संरक्षण-जन अभियान इसकी मिसाल है। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस अभियान के तहत अब तक 1 लाख से अधिक जल संरक्षण गतिविधियां सफलतापूर्वक आयोजित हो चुकी हैं। इस अभियान ने ग्रामीण क्षेत्रों में जल संचयन, तालाबों की सफाई, रेन वाटर हार्वेस्टिंग और जल स्रोतों के पुनर्जीवन को लेकर चेतना फैलाई गई है।
ये भी पढ़े – राजस्थान में बिजली उपभोक्ताओं की मौज! अब सौर पैनल की दोगुनी छूट के साथ मिलेगी सस्ती बिजली
Advertisement