जयपुर मई 26, 2025 : सरसों का बाजार इन दिनों किसानों की उम्मीदों से कहीं ज़्यादा गर्म चल रहा है। वो भी तब, जब कुछ हफ्ते पहले तक माना जा रहा था कि इस बार पिछले साल जैसी तेजी शायद ही आए। लेकिन बाजार ने सारे अनुमान तोड़ दिए हैं।
जयपुर में 42% कंडीशन वाली सरसों का भाव ₹6650 प्रति क्विंटल तक पहुंच गई है। जो इस चालू सीजन में अब तक का टॉप रेट है। वहीं अगर पिछले साल के भाव की बात करें तो इस समय ₹6100 से ₹6200 के आसपास कारोबार कर रही थी । यानी इस साल पिछले साल की तुलना में भाव फिलहाल ₹500 अधिक चल रहे है।
पिछले हफ़्ते की बात करें तो सरसों भाव में करीब ₹150 से ₹200 प्रति क्विंटल, सरसों तेल में ₹30 प्रति क्विंटल और खल के भाव में ₹40-₹50 प्रति क्विंटल तक की तेजी दर्ज की गई।
सरसों में रिकॉर्ड उछाल की असल वजह
Mustard Prices Hike- सरसों की कीमतें यूं ही नहीं बढ़ रही इसके पीछे की जो असल वजह है — वो देशभर की मंडियों में सरसों की आवक में आई भारी गिरावट को माना जा रहा है ।
जी हाँ 1 मई से 24 मई 2025 के बीच सरसों की आवक तकरीबन 90 लाख बोरी की हुई है , जबकि पिछले साल इसी समयअवधि में यह 108 लाख बोरी की रही थी।
राजस्थान की प्रमुख सरसों मंडियों (टोंक, भरतपुर, कोटा, जयपुर) में औसत दैनिक आवक घटकर 4 लाख बोरी रह गई है। पिछले साल यही आंकड़ा 6.25 लाख बोरियों के करीब था।
उत्पादन अनुमान में भी बड़ी गिरावट
सरसों भाव में आई इस तेजी के पीछे एक और अहम वजह मानी जा रही है, वो है सरसों के उत्पादन में आई गिरावट। जहां पहले अनुमान था कि देश में इस बार 110 लाख मीट्रिक टन सरसों का उत्पादन होगा, अब वह घटकर 105 लाख टन तक सिमट गया है। गुजरात में 2 लाख टन और मध्य प्रदेश में करीब 3 लाख टन की कटौती दर्ज की गई है। ऐसे में बाजार में सप्लाई की कमी ने भावों को और मजबूत किया।
अंतरराष्ट्रीय बाज़ार की चाल और खल का असर
सरसों खल के भावों में भी मजबूती देखी जा रही है। जयपुर में सरसों खल ₹2280, गंगापुर में ₹2400 और अलवर में ₹2240 प्रति क्विंटल तक बिक रहा है। विश्लेषकों का मानना है कि खल के रेट में आगे भी ₹100-150 की तेजी संभव है — खासकर यदि चीन ने भारत से आयात की शर्तों में ढील दी तो।
भारत से अप्रैल 2025 में 4.65 लाख टन ऑयलमील का निर्यात हुआ है। वहीं रेपसीड खल का सालाना निर्यात हल्का घटकर 9.11 लाख टन पर आ गया है। लेकिन भारत की प्रतिस्पर्धात्मक कीमतें (FAS पर $202/टन) इसे फिर से एक्सपोर्ट का हॉटसेगमेंट बना सकती हैं।
खाद्य तेल स्टॉक कम, सरसों तेल की मांग तेज़
अप्रैल के अंत तक बंदरगाहों पर खाद्य तेल का स्टॉक घटकर 13.51 लाख टन पर आ गया है — जो पिछले वर्षों के मुकाबले काफी कम है। इससे सरसों तेल की मांग में तेजी आई है, जो कीमतों को स्थिरता और मजबूती दे रही है।
आगे क्या? बाजार की दिशा कहां जा सकती है
इस समय जयपुर मंडी में सरसों के भाव ₹6650 पर चल रहे हैं। जानकारों का मानना है कि अगर आवक लगातार 5 लाख बोरी से नीचे बनी रही तो जल्द ही आपको ₹6850 से ₹7000 तक के स्तर भी देखने को मिल सकता हैं।
वहीं नीचे की ओर देखें तो ₹6400 का मजबूत सपोर्ट ज़ोन बना हुआ है। जब तक नाफेड की तरफ से सरकारी स्टॉक की बिकवाली शुरू नहीं होती, तब तक बाजार में कोई बड़ी गिरावट की संभावना नहीं दिखती।
किसान साथी क्या करें?
इस तेजी के माहौल में अगर आप पहले से स्टॉक रखे हैं, तो थोड़े इंतजार से आपको अच्छे भाव मिल सकते हैं। सरसों के फंडामेंटल अभी मज़बूत हैं और बाजार का मिज़ाज बता रहा है कि यह मजबूती अभी और वक्त तक बनी रह सकती है। हालांकि, व्यापारिक निर्णय पूरी तरह बाज़ार की चाल और अपने विवेक से लें।
Disclaimer- यहां दी गई सरसों भाव तेजी मंदी की रिपोर्ट मौजूदा बाज़ार भाव और ताजा घटनाक्रम के आधार पर दी गई है । हम किसी भी प्रकार की खरीद-फरोख्त की राय नहीं देते। किसी भी प्रकार का व्यापार अपने ख़ुद के विवेक से ही करें। धन्यवाद