नई दिल्ली: खेतों की मेहनत और बैंक लोन की चिंता के बीच जूझ रहे करोड़ों किसानों के लिए आज एक बड़ी खुशखबरी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज KISAN CREDIT CARD पर एक अहम फैसला लिया है। कैबिनेट ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए संशोधित ब्याज छूट योजना (MISS) के तहत किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) पर मिलने वाली ब्याज छूट (Interest Subvention – IS) को जारी रखने और इसके लिए जरूरी फंडिंग को मंजूरी दे दी है। यानी, अगले साल भी किसानों को सस्ते दर पर कर्ज मिलता रहेगा।
किसान क्रेडिट कार्ड ब्याज छूट पर बड़ी राहत
यह फैसला इसलिए मायने रखता है! क्योंकि इसी ब्याज छूट के कारण देश के 7.75 करोड़ से ज्यादा KCC धारक किसानों को बड़ी राहत मिलती है। इस योजना के तहत:
- किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए 3 लाख रुपये तक का अल्पकालिक कृषि ऋण महज 7% की रियायती ब्याज दर पर मिलता रहेगा। बैंकों और ऋण संस्थाओं को सरकार की तरफ से 1.5% की ब्याज छूट दी जाती है ताकि वे किसानों को यह सस्ता कर्ज दे सकें।
- सबसे बड़ी बात यह है कि अगर किसान अपना कर्ज समय पर चुका देते हैं, तो उन्हें अतिरिक्त 3% की और छूट (प्रोत्साहन) मिलती है। इसका मतलब है कि समय पर भुगतान करने वाले किसानों पर कर्ज की प्रभावी ब्याज दर घटकर सिर्फ 4% रह जाती है! यह छोटे और सीमांत किसानों के लिए वित्तीय बोझ को काफी हल्का कर देती है।
- ध्यान देने वाली बात यह भी है कि अगर कोई किसान सिर्फ पशुपालन या मछली पालन के लिए KCC लोन लेता है, तो उसे यह ब्याज लाभ अधिकतम 2 लाख रुपये तक के ऋण पर ही मिलेगा।
योजना में कोई बदलाव नहीं
Cabinet Decision: कैबिनेट ने साफ कर दिया है कि इस बार योजना की संरचना या इसके किसी अन्य घटक में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। यह फैसला एक स्पष्ट संदेश है – सरकार किसानों को सस्ता और आसानी से उपलब्ध कृषि ऋण मुहैया कराने के अपने रास्ते पर अडिग है। खासकर मौजूदा आर्थिक हालात में, जहां ब्याज दरें बढ़ी हुई हैं, यह छूट किसानों को बैंकों से कम लागत पर कर्ज लेने में मदद करेगी।
कृषि ऋण का बढ़ता दायरा
पिछले एक दशक में कृषि ऋण के क्षेत्र में काफी बदलाव आया है। देखें तो:
- केसीसी के जरिए संस्थागत ऋण वितरण वर्ष 2014 में 4.26 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर दिसंबर 2024 तक 10.05 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।
- समग्र कृषि ऋण प्रवाह भी तेजी से बढ़ा है – वित्त वर्ष 2013-14 के 7.3 लाख करोड़ रुपये से उछलकर वित्त वर्ष 2023-24 में 25.49 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा छू लिया।
- तकनीक ने भी इस प्रक्रिया को आसान बनाया है। अगस्त 2023 में लॉन्च हुए किसान ऋण पोर्टल (KRP) जैसे डिजिटल साधनों ने दावा करने की प्रक्रिया को ज्यादा पारदर्शी और कुशल बनाया है।
किसान और देश की अर्थव्यवस्था के लिए जरूरी
इस ब्याज छूट को जारी रखना सिर्फ किसानों की जेब पर पड़ने वाले बोझ को कम करने के लिए ही जरूरी नहीं है। यह देश में कृषि के लिए संस्थागत ऋण के निर्बाध प्रवाह को बनाए रखने की कुंजी भी है। यह प्रवाह खेती की उत्पादकता बढ़ाने, निवेश को प्रोत्साहित करने और सबसे महत्वपूर्ण, छोटे और सीमांत किसानों को वित्तीय सुरक्षा के दायरे में लाने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। ग्रामीण और सहकारी बैंकों को यह सहायता उन्हें किसानों को स्थिर और किफायती दरों पर ऋण देने में सक्षम बनाती है।
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