Gurugram: बिजली की कमी से जूझ रहे रोजका मेव औद्योगिक क्षेत्र (Industrial Area) में अब नई उम्मीद जगी है। यह उम्मीद जगाई है 220 केवी के नए सबस्टेशन ने, जिसका निर्माण अब अंतिम चरण में पहुँच गया है। अगले पाँच महीने में इसे चालू करने का लक्ष्य न सिर्फ इस औद्योगिक क्षेत्र, बल्कि सोहना शहर और आसपास के करीब 60 गाँवों को बिजली की आपूर्ति (Power Supply) पूरी करेगा। हालांकि अब भी लोगो के मन में एक सवाल घर किए हुए है की-क्या यह परियोजना 1984 से चले आ रहे सरकारी वादों को सच साबित कर पाएगी?
सरकार के 24 घंटे बिजली का वादा नहीं हो सका पूरा
1984 में जब रोजका मेव को औद्योगिक नगरी घोषित किया गया, तो उद्योगपतियों को 24 घंटे बिजली का आश्वासन मिला था। लेकिन यह सपना कागजों तक ही सीमित रहा। 66kv के पुराने पावर हाउस ने कभी माँग पूरी नहीं की। नतीजा? करीब 70 उद्योगों ने यहाँ से पलायन किया। बिजली निगम के अधिकारी मुकेश गौड़ ने बताया कि वर्तमान में 40 किमी दूर पचगाँव से बिजली दी जा रही है । अगर लाइन में कोई फॉल्ट आ जाये तो फॉल्ट तक पहुँचने में दो घंटे का समय लग जाता हैं। दूरी अधिक होने के कारण ओवरलोडिंग और कट लगना तो स्वाभाविक है।
नया सबस्टेशन: क्या बदलेगा?
नए 220 केवी सबस्टेशन के चालू होते ही यह क्षेत्र पचगाँव पर निर्भर नहीं रहेगा। इससे न सिर्फ अनियमित कटौती और वोल्टेज समस्याएँ खत्म होंगी, बल्कि उद्योगों को भी वापस लौटने का विश्वास मिलेगा।
क्या ग्रामीणों की जरूरते होगीं पूरी?
हालाँकि, अधिकारियों का दावा है कि परियोजना समय पर पूरी होगी, लेकिन यह इलाका ऐसे वादों से अब तक निराश ही हुआ है। सवाल यह भी कि क्या नई व्यवस्था औद्योगिक विकास के साथ-साथ ग्रामीणों की ज़रूरतों को भी पूरा कर पाएगी? इस सवाल का जवाब तो अब तो आने वाले 5 महीनों के बाद ही मिल सकेगा।