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Kharif Fasal MSP 2025: मोदी सरकार ने धान, कपास, सोयाबीन समेत 14 खरीफ फसलों की MSP बढ़ाई – जानिए कितना हुआ इजाफा

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नई दिल्ली — भारत के करोड़ों किसानों के लिए आज बुधवार 28 मई को बड़ी अच्छी खबर निकल कर आई है। केंद्र सरकार ने खरीफ सीज़न 2025-26 के लिए 14 प्रमुख फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में बढ़ोतरी को मंजूरी दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक के ये फैसले, किसानों की मेहनत को आर्थिक रूप से सम्मान देने की दिशा में एक बड़ा कदम माने जा रहे हैं।

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केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इस फैसले से किसानों को उनकी फसल की लागत पर बेहतर लाभ मिलेगा और वे ज्यादा आत्मनिर्भर हो सकेंगे। सबसे ज़्यादा बढ़ोतरी नाइजरसीड के MSP में की गई है—820 रुपये प्रति क्विंटल। इसके बाद रागी, कपास और तिल के दामों में भी उल्लेखनीय इजाफा हुआ है। मूंगफली का समर्थन मूल्य 480 रुपए बढ़कर 7,263 रुपए किया।

Kharif Fasal MSP 2025-26 New List

फसलनई MSP रुपए/क्विंटल (2025-26)पुरानी MSP रुपए/क्विंटल (2024-25)बढ़ोतरी
धान (सामान्य)2,3002,36969
धान (A ग्रेड)2,3202,38969
ज्वार (हाईब्रिड)3,3713,699328
ज्वार (मालदंडी)3,4213,749328
बाजरा2,6252,775150
रागी4,2904,886596
मक्का2,2252,400175
तुअर/अरहर7,5508,000450
मूंग8,6828,76886
उड़द7,4007,800400
मूंगफली6,7837,263480
सूरजमुखी7,2807,721441
सोयाबीन4,8925,328436
तिल9,2679,846579
रामतिल8,7179,537820
कपास (मिडिल स्टेपल)7,1217,710589
कपास (लॉन्ग स्टेपल)7,5218,110589

सरकार ने दी किसानों को बड़ी राहत

सरकार ने यह फैसला उस समय लिया है जब देशभर में किसान लागत और आय के बीच की खाई से जूझ रहे हैं। MSP को उत्पादन लागत के औसतन 1.5 गुना के स्तर पर रखने की नीति को फिर से दोहराते हुए, सरकार ने दिखाया है कि वह सिर्फ आंकड़ों से नहीं, किसानों की ज़मीन से जुड़ी तकलीफों से भी वाकिफ है।

बाजरा के मामले में किसानों को लागत पर 63% तक का मुनाफा मिलने का अनुमान है। मक्का और दलहनों—तुअर और उड़द—के लिए भी 50% से अधिक लाभ के आंकड़े सामने आए हैं। ये आंकड़े केवल सरकारी दावे नहीं, बल्कि उस भरोसे का हिस्सा हैं जो खेती के भविष्य को लेकर किसान फिर से महसूस कर सकें।

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केसीसी को लेकर भी दी राहत

कैबिनेट ने केवल MSP तक खुद को सीमित नहीं रखा। किसानों को मिलने वाले अल्पकालिक ऋण में दी जा रही ब्याज राहत को भी आगामी वित्तीय वर्ष के लिए जारी रखने का ऐलान किया गया है। किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) योजना के तहत अब भी किसान 3 लाख रुपये तक का ऋण केवल 4% प्रभावी ब्याज दर पर ले सकते हैं—समय पर चुकाने की शर्त के साथ।

देशभर में 7.75 करोड़ से अधिक KCC खाते हैं। ऐसे में इस राहत को जारी रखना, सिर्फ एक योजना को बढ़ाना नहीं, बल्कि खेती को जीवित रखने जैसा है। खासकर छोटे और सीमांत किसानों के लिए यह निर्णय एक नई ऊर्जा लेकर आया है।

हाइवे और रेलवे में भी निवेश, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिलेगी मजबूती

बैठक में लिए गए अन्य फैसलों में बुनियादी ढांचे पर भी खास ज़ोर दिया गया। आंध्र प्रदेश के कृष्णापट्टनम पोर्ट को जोड़ने के लिए 4-लेन हाइवे की मंजूरी, तरलाम से नागदा रेलवे लाइन को चौड़ा करने के प्रस्ताव और मुंबई-दिल्ली कॉरिडोर की क्षमता बढ़ाने जैसे प्रोजेक्ट्स को भी मंजूरी मिली।

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इन फैसलों का प्रत्यक्ष असर ग्रामीण और कृषि अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा—जहां सड़कों से केवल वाहन नहीं चलते, वहां किसानों के सपने भी चलते हैं।

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